Masik Shivratri 2023 : हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह का बहुत ही खास महत्व है. इस माह कई सारे पर्व और त्योहार आते हैं, जिसकी विशेष मान्यता है. इस माह में अखंड सौभाग्य की कामना करने के लिए व्रत रखा जाता है और भगवान शिव और मां पार्वती की खास पूजा भी की जाती है. ऐसा भी कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की सच्चे मन से से पूजा करता है, उसके जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती है, साथ ही सकारात्मकता का भी संचार होता है और सभी समस्याओं से भी मुक्ति मिल जाती है. अब ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि कब है, इसका शुभ मुहूर्त क्या है, साथ ही इसकी धार्मिक मान्यता क्या है.
जानें कब है मासिक शिवरात्रि
ज्येष्ठ माह की चतुर्थी तिथि यानी कि दिनांक 17 मई को रात 10 बजकर 28 मिनट से लेकर अगले दिन दिनांक 18 मई को रात 09 बजकर 42 मिनट पर इसका समापन होगा. इतना ही नहीं, मासिक शिवरात्रि में महादेव की पूजा पूरे विधि-विधान और रात्रि में की जाती है. इस दिन कई ऐसे दिव्य संयोग भी बन रहा है, जिससे सभी राशि के जातकों के लिए शुब फलदायी साबित होगा.
जानें क्या है इसकी धार्मिक मान्यता
मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और व्यक्ति को सभी समस्याओं से भी मुक्ति मिल जाती है. इस दिन रुद्राभिषेक करना बहुत अच्छा माना जाता है. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और शिवलिंग पर तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें बेलपत्र, गाय का कच्चा दूध, अक्षत, सफेद चंदन डालें और उससे रुद्राभिषेक करें. इससे भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है.
इस दिन करें इन मंत्रों का जाप
1. ॐ ईशानाय नम:
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इस मंत्र का 108 बार जाप करें.
2. नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांगरागाय महेश्वराय।नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे"न" काराय नमः शिवायः॥
इस मंत्र का जाप करने से कन्या को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है.
3. ॐ इं क्षं मं औं अं
इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को शत्रु से मुक्ति मिलती है.
4. ॐ पार्वतीपतये नमः
अगर आपके विवाह में कोई बाधा आ रही है, तो इस मंत्र का जाप करें.
5. ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा
इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में आ रही सभी बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है.