जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के रियासी जिले में त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित प्रसिद्ध माता वैष्णोदेवी मंदिर के कपाट श्रद्धालु के लिये खोल दिये गए हैं. कोरोना वायरस के कारण करीब पांच महीने तक बंद रहने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में वैष्णोदेवी मंदिर (Vaishno Devi) समेत अन्य धार्मिक स्थलों को रविवार सुबह भक्तों के लिए खोल दिया गया. आज से हर दिन सिर्फ दो हजार तीर्थयात्रियों को तीर्थ यात्रा पर जाने की अनुमति होगी. इनमें से जम्मू एवं कश्मीर के बाहर से 100 और 1900 स्थानीय भक्तों को अनुमति दी जाएगी. सभी बाहरी लोगों को कोविड-19 टेस्ट से गुजरना होगा, तभी उन्हें तीर्थ यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी.
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जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित प्रसिद्ध माता वैष्णोदेवी मंदिर के कपाट श्रद्धालु के लिये खोल दिये गए हैं. कोरोना वायरस के कारण करीब पांच महीने तक बंद रहने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में इस मंदिर समेत अन्य धार्मिक स्थलों को रविवार सुबह भक्तों के लिए खोल दिया गया. श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के दरवाजे छह बजे फिर खुले.
दर्शन करके आए एक दर्शनार्थी ने बताया, 'बहुत अच्छे से दर्शन कराए जा रहे हैं, सोशल डिस्टेंसिंग, सेनिटाइजेशन और बाकी दिशानिर्देशों का पालन कराया जा रहा है. पूरी यात्रा में तीन बार थर्मल स्क्रीनिंग की गई. जम्मू से मंदिर दर्शन के लिए आए 12 सदस्यीय समूह में से एक श्रद्धालु ने कहा, 'मैं महीने में कम से कम एक बार मंदिर दर्शन के लिए आता था. मंदिर खुलने के पहले ही दिन यहां आकर मैं सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं.'
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श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 18 मार्च को एहतियाती तौर पर वैष्णो देवी यात्रा रोक दी गई थी. अब जब प्रशासन ने धार्मिक स्थलों को पुन: खोलने का फैसला किया है तो बोर्ड ने इस भयावह संक्रामक रोग की चुनौती को देखते हुए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं.
बता दें कि कोविड-19 महामारी के कारण जम्मू एवं कश्मीर के धार्मिक स्थल को बंद कर दिया गया था. इसे देखते हुए माता वैष्णो देवी की तीर्थयात्रा को करीब 5 महीने पहले ही प्रतिबंधित कर दिया गया था. यह मंदिर जम्मू डिविजन के रियासी जिले में त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित सबसे अधिक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है.महामारी से पहले हर साल 2.40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए आते रहे हैं.