Mavji Maharaj Ki BhavishyavaniL: मावजी महाराज का जन्म साबला गांव में विक्रम संवत 1771 में माघ शुक्ल पंचमी को हुआ था. उन्हें भगवान श्रीकृष्ण का नीला अवतार माना जाता है. मावजी महाराज ने आज से 300 साल पहले लाख की स्याही और बांस की कलम से कागज़ पर दुनिया का भविष्य लिख दिया था. आपको जानकर हैरानी होगी कि उस ज़माने में हेलिकॉप्टर, हवाई जहाज, बिजली, डामर, सड़क और मोबाइल जैसे आविष्कारों का नामोनिशान नहीं था. लेकिन मावजी महाराज ने अपनी भविष्य देखने की क्षमता के दम पर इन सबका सटीक चित्र बना दिया था. संत मावजी की याद में आज भी बांसवाड़ा एवं डोंगरपुर जिलों के बीच माही सोम एवं जख्म नदियों के बीच विशाल टापू पर हर साल माघ पूर्णिमा पर 10 दिन का विशाल मेला लगता है. इसे आदिवासियों का महाकुंभ भी कहा जाता है. कहा जाता है कि 350 वर्ष पहले संत मावजी महाराज ने पांच चौपड़े लिखे थे. जिसमें से एक शेष गुरु, दूसरा साबला, तीसरा बांसवाड़ा बस, चौथा कुंजपुर में है.
चौपड़ों में छिपी भविष्यवाणियां (Mavji Maharaj Ki Bhavishyavani)
1) बात होवेगा तात्पर्य हवा में लोगों की बात होगी वर्तमान में मोबाइल के माध्यम से बात हो रही है.
2) पर ये पानी बेस आएगा अर्थात कर. पानी बेचा जाएगा. वर्तमान में पैक बोतलों में लीटर के भाव बिक रहा है.
3) पानी बोरिये दीबा बारेंगा तात्पर्य डोरियों से दीपक जलेंगे. वर्तमान में गांव गांव में बिजली के तारों से रौशनी हो रही है.
4) भैत में बभू का फूटेगा तात्पर्य? दीवारों में पानी आएगा वर्तमान में. में नल की सुविधा है.
5) खारा समुन्दर मीठा जल होसी अर्थात समुद्र का खारा पानी मीठा हो जाएगा. वर्तमान में समुद्र के पानी को उपयोगी बनाने के प्रयास हो रहे हैं.
6) परबत गिरी ने पानी होसी, मतलब पर्वत पिघल कर पानी बनेंगे वर्तमान में हिम पर्वत पिघल कर पानी हो रहे हैं. समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है.
7) समुद्र में तिरेकर्षण कमसी समुद्र के किनारों पर किसान कमाएंगे वर्तमान में नमक की पैदावार के अलावा विशेष वनस्पतियों की खेती हो रही है.
8) पूरब पश्चिम मतलब पूरा पश्चिम की संस्कृति में मेल हो जाएगा. वर्तमान में हमारा देश पश्चिम संस्कृति के पीछे भाग रहा है.
9) जमीन आसमान का पर्दा टूटेगा. जमीन और आसमान के बीच की दीवार टूटेगी. वर्तमान में ओज़ोन मंडल में छेद का उदाहरण सामने है.
10) धरती तो तांबा बढ़नी होसी, धरती तप कर तांबे के रंग की हो जाएगी. धरती का तापमान निरंतर बढ़ता जा रहा है.
11) बगसरने हंस बिस्ती हंस करे बग्नी सेवा अर्थात बगुलो की. सरन में हंस बैठेगा और हंस बगुले की सेवा करेगा अर्थ आप अयोग्य व्यक्ति की सेवा होशियार आदमी के माध्यम से होगी. वर्तमान में नेताओं के अधीन रहकर. आई ए एस, आई, पी एस जैसे पदों पर बैठे लोग सेवाएं दे रहे हैं.
12) चार जुगना बंधन तोड़ी जुगना भगत तारिया अर्थात चार युगों से चले आ रहे जाति धर्म के बंधन टूटेंगे. भक्ति के माध्यम से ही नैया पार लगेंगी
13) बदनी सिर थकी बार उतर या सी तात्पर्य बैलों के सिर पर बोझ हल्का हो जाएगा. वर्तमान में खेतों की जुताई के लिए आधुनिक उपकरण के तौर पर ट्रैक्टर काम में लिए जा रहे हैं. बेलों से खेती का चलन कम हो गया है.
14) बहु बेटी काम भरे सासु पिछना पीसेगा. तात्पर्य है कि घर के कामकाज में बहु बेटियां भारी पड़ेंगी. सास घर का आटा पीसेगी वर्तमान में पड़ी लिखी लड़कियां. बहुएं नौकरी करती हैं, घर संभालने वाली सास काम करती हैं.
15) धोबी के घर गाय रहेंगी, बकरी ब्राह्मण रखेगा. तात्पर्य यह है की परंपरागत काम को छोड़कर लोग दूसरे नए काम करेंगे.
बागड़ी भाषा में लिखी उनकी चौपड़ों की हस्तलीपी आज भी उनके जन्म स्थान पर सहेज कर रखी गई है. माबजी महाराज के इन्हीं हस्त लिखित चोपड़ो का डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है. लोगों का कहना है कि मावजी महाराज ने जो भी भविष्यवाणियां की थी वो इन चोपड़ों में लिखी हैं. ये आज के समय में एक-एक करके सही साबित हो रही हैं. चौपड़ों में भविष्यवाणियों के साथ साथ विज्ञान, ज्योतिष, साहित्य, संगीत के साथ अर्थव्यवस्थाओं के बारे में सटीक जानकारियां है. मावजी महाराज की हस्तलीपी में ज्ञान भंडार, अकल रमण, सुरानंद भजनावली, भवन स्त्रोत, ज्ञान रणमाला जैसी कृतियां भी शामिल हैं. कहते हैं कि अक्षर ज्ञान के भरोसे यह सब लिखा था भविष्यवाणियों को लेकर कई शोध भी हो रहे हैं. भविष्य वक्ता के तौर पर उनके 1784 में साधना में लीन होने के प्रमाण भी बागड़ के प्रयागराज में हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau