Mehandipur Balaji Temple: भारत में अनेक मंदिर है, जिनकी कोई न कोई विशेष मान्यता है. शक्तिपीठ और ज्योतिर्लिंग जैसे विशेष मंदिर, जहां पूरा साल श्रद्धालुओं का सैलाब लगा रहता है, उसके अलावा भी कई चमत्कारी मंदिर है. दूर दूर से लोग अपनी परेशानियों के समाधान के लिए मंदिरों में आते हैं और भगवान की कृपा प्राप्त करते हैं. मंदिर चाहे कोई भी हो, लेकिन पूजा और अनुष्ठान के बाद हर जगह प्रसाद बांटा जाता है. लेकिन भारत में एक ऐसा अद्भुत मंदिर भी है जहां से प्रसाद घर लाना वर्जित माना जाता है. जी हां, इस मंदिर का प्रसाद भक्तों को खाना नहीं चाहिए और न ही घर लेकर जाना चाहिए, क्योंकि मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को नकारात्मक प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है. तो आइए जानते है इस अद्भुत मंदिर के बारे में.
हनुमान जी का मेंहदीपुर बालाजी मंदिर
रामभक्त हनुमान जी के भारत में अनेक मंदिर हैं. लेकिन उनका मेंहदीपुर वाला बालाजी मंदिर उन सभी में से अद्भुत है. यहां हनुमानजी की बालरूप में पूजा होती है और उनकी स्वयंभू मूर्ति की यहां पूजा की जाती है. ये मंदिर बहुत प्राचीन है और हनुमानजी के साथ-साथ भैरव जी और प्रेतराज को समर्पित है. इस मंदिर की मान्यता है कि यहां पर लोगों को मानसिक पीड़ाओं और भूत प्रेत के काले सायों से राहत मिलती है. इस मंदिर में लोग अपनी अनेक समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए आते हैं.
भूत-प्रेत के साए से मिलती है मुक्ति
इस मंदिर की सबसे खास बात ये है कि जिन लोगों पर भूत प्रेत का साया या बुरा प्रभाव होता है, उन्हें इन चीजों से मुक्ति मिलती है. ऐसे लोग यहां आकर चिल्लाने लगते हैं और फिर पूजा- अनुष्ठान करने के बाद उन्हें बुरी शक्तियों से आजाद किया जाता है. हनुमानजी अपने भक्तों के कष्टों को यहां बांध कर रख लेते हैं. दूर-दूर से लोग इस मंदिर में आते हैं और अपने कष्टों से राहत पाते हैं.
इसलिए नहीं खाया जाता प्रसाद
इस मंदिर की सबसे अनोखी बात ये है कि बाकी मंदिरों की तरह इस मंदिर का प्रसाद भक्तों को नहीं खाना चाहिए. क्योंकि माना जाता है कि प्रसाद के साथ इस मंदिर में बंधी हुई प्रेत आत्माएं और काली शक्तियां व्यक्ति के साथ घर पर चली जाती है और उनपर हावी हो सकती है. इसलिए न ही इस मंदिर का प्रसाद और न ही इस मंदिर की कोई अन्य चीज यहां से घर पर लेकर जानी चाहिए. ऐसा करना सही नहीं माना जाता और व्यक्ति को काफी दिक्कतें आ सकती हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)