हिंदू कलैंडर में सौर वर्ष के मुताबिक सूर्य के राशि बदलने को संक्रांति कहा जाता है. सूर्य साल में 12 बार राशि बदलते हैं, ऐसे में ये पर्व भी साल में 12 बार मनाया जाता है. बताया जा रहा है कि14 जून की रात को सूर्य वृष से मिथुन राशि में चला जाएगा. ऐसे में इस दिन को मिथुन संक्रांति के रूप में मनाया जाएगा. मिथुन संक्रांति आषाढ़ महीने में आती है. इस महीने का देवता सूर्य है. मिथुन संक्रांति के दौरान दान, दक्षिणा का काफी महत्व होता है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर सूर्य भगवान को जल चढ़ाना शुभ माना जाता है.
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शुभ मुहूर्त
14 जून की रात को सूर्य मिथुन राशि में प्रवेष करेंगे और फिर 15 जून को मिथुन राशि में रहेंगे. ऐसे में पूजा और दान दक्षिणा करने के लिए शुभ मुहूर्त 05.10 से 11:55 तक ही रहेगा. मान्यता है कि इस दिन अगर सही मुहूर्त में पूजा और दान दक्षिणा की जाए तो विशेष लाभ मिलता है. घर में सुख समृद्धि आती है और धन की वृद्धि होती है.
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इन बातों का रखें खास ध्यान
सूर्य पूजा के समय लाल कपड़े पहनने चाहिए.
पूजा सामग्री में लाल चंदन, लाल फूल और तांबे के बर्तन का उपयोग करना चाहिए.
पूजा के बाद दान का संकल्प लिया जाता है.
इस दिन खासतौर से कपड़े, अनाज और जल का दान किया जाता है.
Source : News Nation Bureau