Mohini Ekadashi 2022, Vrat Paran Mistake Negative Effect: व्रत पारण के समय अक्सर लोग कर देते हैं ये बड़ी गलती, फिर भुगतना पड़ता है आजीवन खामियाजा

हिंदू धर्म में किसी भी व्रत का फल तभी मिलता है, जब उसे विधिपूर्वक किया जाए. व्रत पारण के समय लोग कई बड़ी गलतियां कर देते हैं जिसके चलते उन्हें व्रत का पूर्ण फल मिलना तो दूर उल्टा जीवन भर खामियाजा भुगतना पड़ता है.

author-image
Gaveshna Sharma
New Update
व्रत पारण के समय लोग कर देते हैं ये बड़ी गलती, भुगतना पड़ता है खामियाजा

व्रत पारण के समय लोग कर देते हैं ये बड़ी गलती, भुगतना पड़ता है खामियाजा ( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

Mohini Ekadashi 2022, Vrat Paran Mistake Negative Effect: हिंदू धर्म में सभी व्रतों का अलग-अलग महत्व है. लेकिन एकादशी का महत्व सभी व्रतों से ज्यादा है. इसे मोक्ष प्राप्ति का व्रत भी कहा जाता है. कहते हैं एकादशी के व्रत रखने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और मृत्यु के बाद व्यक्ति बैकुंठ को जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एकादशी के व्रत का फल तभी मिलता है जब व्यक्ति व्रत के पूर्ण नियमों का सही पालन करता है. एकादशी के व्रत में पारण का भी विशेष महत्व बताया गया है.हर एकादशी के दिन व्रत पारण का भी शुभ मुहूर्त होता है. अगर इस मुहूर्त में व्रत का पारण नहीं किया जाए, तो व्रत के फल की प्राप्ति नहीं होती है. इसके अलावा, ज्यादातर लोग व्रत पारण के समय भी कई बड़ी गलतियां कर देते हैं जिसके चलते उन्हें व्रत का पूर्ण फल मिलना तो दूर उल्टा जीवन भर खामियाजा भुगतना पड़ता है. 

यह भी पढ़ें: Kedarnath Yatra 2022 Precautions: 'हर हर महादेव'... इन खास बातों को ध्यान में रख ही करें केदारनाथ यात्रा का आरंभ, यात्रा के दौरान इन मंत्रों का जाप दिलाएगा दोगुना फल

व्रत पारण के समय इन बड़ी गलतियों को करने से बचें

- शास्त्रों के अनुसार व्रत मध्याह्न के दौरान एकादशी का व्रत नहीं खोलना चाहिए. अगर आप व्रत का पारण सुबह के समय नहीं कर पाते हैं, तो फिर मध्याह्न के बाद पारण किया जा सकता है. 

- बता दें कि व्रत खोलने की विधि को पारण कहा जाता है. एकादशी के व्रत का पारण द्वादशी तिथि में किया जाता है. 

- पारण के समय इस बात का ध्यान रखें कि पारण सदैव सूर्योदय के बाद ही करें. 

- व्रत का पारण द्वादशी तिथि के बाद करने से पाप लगता है. इसलिए द्वादशी तिथि के अंदर ही व्रत का पारण कर लें.

- इस बात का भी ध्यान रखें कि एकादशी का पारण हरि वासर में न करें. द्वादशी तिथि की पहली एक चौथाई तिथि को हरि वासर कहा जाता है. 

यह भी पढ़ें: Shani Stotra For Sadhe Sati and Dhahiya: शनिवार की सुबह और शाम करें शनि देव का ये अचूक स्तोत्र, हर परेशानी होगी दूर

मोहिनी एकादशी 2022 तिथि
हर माह के दोनों पक्षों की एकादशी तिथि को एकादशी का व्रत रखा जाता है. वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस बार मोहिनी एकादशी 12 मई, 2022 को पड़ रही है. पंचाग के अनुसार एकादशी तिथि 11 मई शाम 7 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और 12 मई शाम 6 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगी. 

मोहिनी एकादशी पारण समय
एकादशी के व्रत का पारण 13 मई के दिन किया जाता है. एकादशी के व्रत खोलने का सबसे उत्तम समय प्रातः काल को माना गया है. इसलिए सुबह स्नान आदि करके श्री हरि की पूजा करें और इसके बाद ही व्रत का पारण करें. 

उप-चुनाव-2022 mohini ekadashi significance Mohini Ekadashi 2022 mohini ekadashi 2022 date mohini ekadashi vrat niyam 2022 mohini ekadashi vrat rules ekadashi paran time ekadashi vrat 2022 vaishakh month ekadashi 2022 mohini ekadashi vrat katha मोहिनी
Advertisment
Advertisment
Advertisment