Advertisment

हनुमान चालीसा का पाठ करते समय 90% लोग करते हैं ये गलती, नहीं मिलता पूजा का फल 

Hanuman Chalisa : प्रभु राम के परम भक्त हनुमान की महिमा अपरंपार है. हिंदू धर्म में हनुमान चालीसा का बहुत महत्व है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि 90% लोग हनुमान चालीसा पढ़ते समय एक ही गलती करते हैं.

author-image
Inna Khosla
New Update
hanuman chalisa

hanuman chalisa( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

Hanuman Chalisa : हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए 90% लोग सिर्फ एक ही गलती करते हैं और इसी गलती की वजह से या तो उनको उसका फल नहीं मिल पाता और मिलता है तो बहुत देरी से मिलता है. मान्यता है कि जब हम किसी भी देवी या देवता की पूजा करते हैं या आपने ईस्ट की भक्ति करते हैं तो धीरे-धीरे वो ईस्ट हमारे शरीर में, हमारे स्वभाव में, हमारे चेहरे पर हर जगह उतरने लगते हैं. जैसे अगर आप श्रीकृष्ण की भक्ति कर रहे हैं तो आपको धीरे-धीरे सारे संसार से प्रेम हो जाएगा. वासुदेव, कुटुम्बकम और अगर आप श्री हनुमान जी की भक्ति कर रहे हैं तो आपने बल, बुद्धि, विद्या, साहस ये सब चीजें आपके स्वभाव में उतरने लगेंगी और जैसे ही आपके ऊपर कोई विपत्ति आएगी तो आप तत्पर होंगे और उस विपत्ति से लड़ने के लिए हिम्मत जरूर करेंगे.

90% लोग करते हैं ये गलती 

हनुमान चालीसा पढ़ते समय हम सब लोग जो गलती करते हैं वो ये है कि एक समय बाद हमारी चिता जो है वो सिर्फ हनुमान चालीसा का पाठ कर रही होती और हमारा ध्यान कहीं भी होता है. हमारी मसल मेमोरी उसको सिर्फ पढ़ रही होती है और हमारा ध्यान हमारा फोकस उस पर नहीं होता जब हम पढ़ रहे होते हैं और इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि हम 90% लोगों को हनुमान चालीसा का मतलब ही नहीं पता. 

आसान शब्दों में हनुमान चालीसा का अर्थ

दोहा

श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि.

अर्थ: श्री गुरु के चरणों की धूल से अपने मन रूपी दर्पण को पवित्र करके मैं भगवान रघुवीर (श्री राम) के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो चारों फल (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) देने वाला है.

बरनऊं रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि.

अर्थ: मैं भगवान रघुवीर (श्री राम) की निर्मल कीर्ति का वर्णन करता हूँ, जो चारों फल (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) प्रदान करते हैं.

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार.

अर्थ: मैं अपनी बुद्धिहीनता को जानकर, पवन पुत्र श्री हनुमान का स्मरण करता हूँ.

बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस विकार.

अर्थ: हे श्री हनुमान, मुझे बल, बुद्धि, विद्या और स्वस्थ शरीर प्रदान करें और मेरे सभी कष्टों और विकारों को दूर करें.

चौपाई

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर.
अर्थ: ज्ञान और गुणों के सागर श्री हनुमान जी की जय हो.

जय कपीस तिहुं लोक उजागर.
अर्थ: तीनों लोकों (स्वर्ग, मृत्यु और पाताल) को प्रकाशित करने वाले वानरराज श्री हनुमान जी की जय हो.

रामदूत अतुलित बल धामा.
अर्थ: श्री राम के दूत और अतुलनीय बल के धाम श्री हनुमान जी की जय हो.

अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा.
अर्थ: माता अंजनी के पुत्र और पवनपुत्र श्री हनुमान जी की जय हो.

इस प्रकार आगे की चौपाइयों में श्री हनुमान जी के जन्म, बाल लीलाओं, श्री राम के प्रति भक्ति, सीता जी की खोज, लंका दहन, रावण वध, भगवान राम के प्रति समर्पण और भक्तों की रक्षा करने की वीरता का वर्णन किया गया है. हनुमान चालीसा का सार अगर कहें तो हनुमान चालीसा भगवान हनुमान के प्रति भक्ति और समर्पण का प्रदर्शन है. इसमें श्री हनुमान जी के गुणों, वीरता और भक्तों की रक्षा करने की शक्ति का वर्णन है. हनुमान चालीसा का पाठ करने से मन शांत होता है, आत्मविश्वास बढ़ता है और भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है.

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

Religion News in Hindi रिलिजन न्यूज hanuman chalisa
Advertisment
Advertisment
Advertisment