Maa Siddhidatri Mantra: मां सिद्धिदात्री नवरात्रि के नौवें दिन की देवी हैं. इनका नाम "सिद्धि" और "दात्री" दो शब्दों से मिलकर बना है. "सिद्धि" का अर्थ है "शक्ति" या "सफलता" और "दात्री" का अर्थ है "देने वाली". मां सिद्धिदात्री को ज्ञान, शक्ति, संपन्नता, विजय और मोक्ष की देवी माना जाता है. उनकी पूजा से भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं. मां सिद्धिदात्री की पूजा से भक्तों को ज्ञान, शक्ति, संपन्नता, विजय और मोक्ष प्राप्त होता है. विद्यार्थियों को परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए मां सिद्धिदात्री की पूजा करनी चाहिए. जो लोग व्यवसाय में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें मां सिद्धिदात्री की पूजा करनी चाहिए. जो लोग धन-धान्य की समृद्धि प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें मां सिद्धिदात्री की पूजा करनी चाहिए. जो लोग रोगों से मुक्ति प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें मां सिद्धिदात्री की पूजा करनी चाहिए.
मां सिद्धिदात्री के मंत्र और उनके लाभ
1. ॐ सिद्धिदात्र्यै नमः
यह मां सिद्धिदात्री का मूल मंत्र है. इस मंत्र का जाप करने से भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं. यह मंत्र ज्ञान, शक्ति, संपन्नता, विजय और मोक्ष प्राप्त करने में भी सहायक होता है.
2. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ सिद्धिदात्री देव्यै नमः
मां सिद्धिदात्री का ये एक शक्तिशाली मंत्र है. मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से भक्तों को शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है. रोगों, बाधाओं और संकटों से मुक्ति दिलाने में भी सहायक होता है.
3. ॐ जयन्ती मां सिद्धिदात्री देवी
ये मां सिद्धिदात्री का एक स्तवन मंत्र है. इससे भक्तों को मां सिद्धिदात्री का आशीर्वाद प्राप्त होता है और मनोकामनाएं पूरी होती है.
4. या देवी सर्वभूतेषु सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै इति..
यह मां सिद्धिदात्री का एक स्तोत्र मंत्र है. इस मंत्र का जाप करने से भक्तों को मां सिद्धिदात्री की कृपा प्राप्त होती है. जीवन में सुख-समृद्धि लाने में भी सहायक होता है.
मां सिद्धिदात्री की पूजा करते समय इन मंत्रों का जाप अवश्य करें. मां सिद्धिदात्री की पूजा कैसे करनी चाहिए इसके भी नियम हैं. पूजा स्थान को साफ और शुद्ध करें. कलश को पूजा स्थान पर स्थापित करें. मां सिद्धिदात्री की प्रतिमा या तस्वीर को स्नान कराकर, स्वच्छ वस्त्र पहनाकर और श्रृंगार करके पूजा स्थान पर स्थापित करें. दीपक, धूप, नैवेद्य, पुष्प, सुपारी, फल, पान, तांबे का लोटा, सुगंध और वस्त्र आदि पूजा सामग्री इकट्ठा करें. मां सिद्धिदात्री को नैवेद्य अर्पित करें. दीपक जलाएं और धूप-बत्ती से आरती करें. मां सिद्धिदात्री के मंत्र का जाप करें. आरती गाएं. मनोकामनाएं प्रार्थना करें. क्षमा मांगें और आशीर्वाद प्राप्त करें. मां सिद्धिदात्री की पूजा से आपको सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होंगी और आपका जीवन सुख-समृद्धि से भरपूर होगा.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau