Mysterious Indian Temples: भारत, आस्था और साधना का केंद्र माना जाता है जो अपने प्राचीन मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध है. भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जिनकी रहस्यमयी और चमत्कारी घटनाएं विज्ञान को भी चौंका देती हैं. करनी माता का मंदिर, राजस्थान, और शनि शिंगणपुर, महाराष्ट्र, ऐसे ही कुछ रहस्यमयी मंदिरों में से हैं. भारत के लोग देवी देवताओं के प्रति गहरी आस्था रखते हैं. यही कारण है कि भारत में सबसे ज्यादा मंदिर है. भारत में ज्यादातर मंदिरों का निर्माण प्राचीन समय में किया गया है, जिनके बहुत महत्त्व है. प्राचीन समय में जो भी मंदिर बनाए जाते थे उन्हें वास्तु और खगोल विज्ञान को ध्यान में रखकर बनाया जाता था. लेकिन भारत में कुछ ऐसे भी मंदिर है जो खगोल और वास्तु से भी परे हैं. इन मंदिरों में ऐसी ऐसी चमत्कारी और रहस्यमय घटनाएं देखने को मिलती हैं जिसे देख विज्ञान भी दंग रह जाते हैं.
करणी माता का मंदिर, बीकानेर, राजस्थान
भारत के विभिन्न रहस्यमय मंदिरों में से एक करणी माता का मंदिर है. ये मंदिर राजस्थान के बीकानेर से लगभग. 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित देश नोक में है. इस मंदिर की सबसे रोचक बात यही है की इस मंदिर में आपको इंसानों से ज्यादा चूहे नजर आएंगे. इस मंदिर में लगभग 20,000 से भी ज्यादा काले चूहे हैं. करणी माता को मां दुर्गा का ही अवतार माना जाता है जिन्होंने लोक कल्याण के लिए जन्म लिया था. इसीलिए इनका नाम करनी रखा गया था. कहा जाता है की इनके सौतेले बेटे की मृत्यु हो जाने पर इन्होंने यमराज को अपने बेटे को जीवित करने का आदेश दिया था. उनका बेटा तो जीवित हो गया लेकिन वह चूहा बन गया था. कहा जाता है की जहां मां करनी ने अपने देह त्याग किए थे वहीं पर इस मंदिर का निर्माण किया गया है. और यह सभी चूहे माता की संतान एवं वंशज है. इस मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी करने आते हैं. कहा जाता है अगर एक भी चूहा किसी भी श्रद्धालु के पैरों के ऊपर से गुजर जाए तो उस पर माँ की कृपा बरसती है. वहीं अगर भूल से भी कोई चूहा पैरों से दब गया तो वह पाप का भागीदारी होती है. इसीलिए सभी श्रद्धालु मंदिर में अपने पांव घिसकर चलते हैं.
शनि शिंगणापुर शिंगणापुर गांव अहमद नगर
देशभर में कई रहस्यमय मंदिर है जिनके चमत्कार की बात देश दुनिया में प्रसिद्ध है. ऐसे ही मंदिरों में से एक मंदिर शनि शिंगणापुर का है. यह मंदिर महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के शिंगणापुर गांव में स्थित है. यह ना केवल भारत बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध है. यह मंदिर सूर्यदेव के पुत्र शनिदेव को समर्पित है. मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि इस मंदिर में शनिदेव की पाषाण की प्रतिमा बगैर किसी छत्र या गुंबद के खुले आसमान के नीचे. एक संग मरमर के चबूतरे पर स्थापित है. इस मंदिर को लेकर लोगों की श्रद्धा काफी गहरी है. इसीलिए कहते हैं कि सिंघनापुर गांव में ज्यादातर घरों में खिड़की दरवाजे नहीं हैं. दरवाजे के बजाय लोगों के घर में केवल परदे लगे हुए हैं क्योंकि उनका मानना है कि इस गांव की रक्षा स्वयं शनि देव करते हैं. इसके कारण यहाँ कभी भी चोरी नहीं होती है. अगर कोई चोरी करने की हिम्मत करता भी है. तो शनिदेव स्वयं उसे सज़ा देते हैं. इस तरह शनिदेव के प्रकोप से मुक्ति पाने के लिए देश भर में प्रसिद्ध. इस रहस्यमय मंदिर का दर्शन करने लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं.
कामाख्या मंदिर, नीलांचल पहाड़ी, गुवाहाटी, असम
देशभर में प्रसिद्ध एवं विभिन्न रहस्यमय मंदिरों में से एक कामाख्या मंदिर है. यह मंदिर असम के गुवाहाटी में नीलांचल पहाड़ी पर स्थित है. यह मंदिर देशभर में माँ दुर्गा के 51 शक्तिपीठों में से एक है. इस मंदिर में मुख्य रूप से त्रिपुरा सुंदरी मातांगी और कमला देवी की प्रतिमा स्थापित है. वहीं मुख्य मंदिरों को घेरते हुए सात अन्य अलगअलग मंदिर भी है, जहाँ पर माँ के साथ अन्य रूपों की प्रतिमा भी स्थापित है. यह मंदिर देशभर के विभिन्न रहस्यमय मंदिरों के सूची में शामिल है. क्योंकि इस मंदिर के गर्भगृह से एक झरना बहता है और हर साल बारिश के मौसम के दौरान इस मंदिर को 3 दिन के लिए बंद कर दिया जाता है. कहा जाता है कि इस 3 दिन के दौरान गर्भगृह से बहने वाले झरने का पानी लाल हो जाता है, जिसके रहस्य के पीछे आज तक लोगों को कारण नहीं मिला है. यह मंदिर काले जादू के अनुष्ठानों के लिए जाना जाता है. इस मंदिर में भक्तों को प्रसाद के रूप में पत्थर की मूर्ति को ढकने वाला लाल कपड़ा हल्का सा काट कर दिया जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau