Mysterious Shiv Mandir: भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जो अपने आप में अजूबे हैं. इन्हीं में से एक मंदिर के बारे में हम आपको आज बताने जा रहे हैं. ये मंदिर है भगवान शिव का. भगवान शिव हमेशा सर्पों से घिरे रहते हैं. उनके मंदिर में नंदी भी विराजमान हैं. लेकिन दुनिया का एक ऐसा इकलौता मंदिर भी है जहां भगवान शिव के साथ मेंढक का भी वास है. जी हां, शिव जी का एक मंदिर ऐसा भी है, जिसकी रक्षा बरसाती मेंढक करता है. हैरानी की बात ये है कि इस मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा करने की सख्त मनाही है और मंदिर के आस पास रहने वाले लोग भी श्री हरी विष्णु की आराधना करने से कतराते हैं.
मेढक मंदिर
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के ओयल गाँव में है ये मंदिर और इस मंदिर की खासियत ये है कि मंदिर के बाहर एक विशालकाय मेढ़क की मूर्ति भी बनी हुई है. गांव के लोंगों का मानना है कि ये मूर्ति कोई आम मूर्ति नहीं है बल्कि भगवान शिव की रक्षा करने वाली मूर्ति है. इस मंदिर में रोजाना भगवान शिव के साथ साथ इस बरसाती मेढ़क की भी पूजा होती है. यहां पर लोग पूजा करने के लिए दूर से भी आते है.
ऐसी है इसकी बनावट
इस मंदिर के बारे में वैसे तो कई सारी मान्यताएं है और हम आपको बता दें कि इस मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति इस मेढ़क पर सवार है जो कि देखने में बहुत ही वास्तविक लगती है. इस अद्भुत मंदिर के चर्चे काफी दूर दूर तक है. इसके दर्शन करने से गांव वालों के दुख दूर हो जाते है. ऐसा गांव वालों का मानना है.
मेढ़क मंदिर के नाम से फेसम है
आपको जानकर हैरानी होगी की इस मंदिर में भगवान शिव का मंदिर होने के बावजूद इस मंदिर को शिव मंदिर के नाम से कोई नहीं जानता है. जीं हां इस मंदिर को मेढ़क मंदिर के नाम से जाना है. इस वजह से ही इस मंदिर को खास कहा जाता है. इस मंदिर में भगवान शिव से ज्यादा मान्यता इस मेढ़क की है.
आराध्य है शिव
आपको जानकर हैरानी होगी की इश मंदिर को पूजने वाले लोग शिव को पूजते है क्योंकि वो शिव को अपना आराध्य मानते हैं. तंत्रवाद पर आधारित इस मंदिर की वास्तु संरचना अपनी विशेष शैली के कारण मनमोह लेती है. इसी कारण ये मंदिर औरों से अलग है. इस मंदिर को वास्तु को ध्यान में रखते हुए स्थापित किया गया है.
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दीपावली में होती है पूजा
इस मंदिर की खासियत ये है कि इस मंदिर में भगवान शिव और मेढ़क की पूजा एक साथ ही होती है और सबसे बड़ी बात तो ये है कि शिवरात्रि की जगह इस मंदिर की पूजा में दीपावली के दिन भीड़ होती है. इस दिन यहां पर विभिन्न प्रकार के फल चढाए जाते है.
विष्णु को नहीं पूजते है यहां के लोग
आपको ये जानकर हैरानी होगी की इस गांव के लोग भगवान विष्णु को नहीं पूजते है. क्योंकि यहां के लोग शैव प्रजाति के है और सिर्फ भगवान शंकर की ही पूजा करते है. ये लोग भगवान विष्णु की पूजा करने में कतराते है.
इकलौता मेढ़क मंदिर
आपको बता दें कि ये मेढ़क मंदिर भारत का अकेला मेढ़क मंदिर है. इसके अलावा कहीं पर भी मेढ़क का मंदिर नहीं है. इस अद्भुत मंदिर को देखने जरूर जाना चाहिए.