आज देशभर में नाग पंचमी का पवित्र त्यौहार मानाया जा रहा है. इस दिन नागों की पूजा का महत्व बताया गया है. भारत वर्ष में हर साल श्रावण महीने की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है. इस दिन कजली बोने की भी परंपरा भी है. नाग पंचमी में नागों के 12 स्वरूपों की पूजा की जाती है. इस दिन शिव मंदिर या नाग मंदिरों में नागों की पूजा की जाती है.
नाग पंचमी पूजा का मुहूर्त
पंचमी तिथि शुरू- 24 जुलाई, शुक्रवार दोपहर 02 बजकर 34 मिनट से 25 जुलाई, शनिवार को दोपहर 12 बजकर 02 मिनट तक
पूजा मुहूर्त- शनिवार को सुबह 05 बजकर 39 मिनट से 08 बजकर 22 मिनट के तक यानी 2 घंटे 44 मिनट का समय
पूजा विधान
इस दिन सर्पों खासतौर पर पौराणिक कथाओं में वर्णित नाग देवताओं की पूजा करने का प्रचलन, उत्तर मध्य भारत में हिन्दू धर्म के लोग मुख्य रूप से नाग पंचमी का त्यौहार मनाने की प्रथा है. इस दिन नागों के राजा शेषनाग की विशेष रुप से पूजा की जाती है. शास्त्रों के अनुसार नाग 12 प्रकार के होते हैं. इनमें अनंत, वासुकी, शेष, पद्म, कंबल, करकोटक, उच्चतर, धृतराष्ट्र, शंखपाद, कालिया, तक्षक और पिंगल शामिल हैं. आज के दिन सभी नागों का पंचोपचार या षोडशोपचार पूजन का विधान है.
Source : News Nation Bureau