Nag Panchami 2024: सावन माह की शुक्ल पक्ष पञ्चमी को नाग पञ्चमी के रूप में मनाया जाता है. हिंदू धर्म में नाग देवता को बहुत महत्व दिया जाता है. इन्हें भगवान शिव का अवतार माना जाता है. इस वर्ष, नाग पंचमी पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जिसके कारण यह पर्व और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गया है. मान्यता है कि इस दिन नाग देवताओं की पूजा करने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है. नाग देवता को धन, समृद्धि और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है. यह त्योहार मुख्य रूप से किसानों के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि नाग देवता भूमि की उर्वरता और फसलों की सुरक्षा के लिए पूजे जाते हैं. नाग पंचमी की पूजा से सांपों के डसने का भय दूर होता है और परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित होती है.
पञ्चमी तिथि प्रारम्भ - अगस्त 09, 2024 को 12:36 ए एम बजे
पञ्चमी तिथि समाप्त - अगस्त 10, 2024 को 03:14 ए एम बजे
नाग पञ्चमी पूजा मूहूर्त - 05:47 ए एम से 08:27 ए एम
अवधि - 02 घण्टे 40 मिनट्स
नाग पंचमी की पूजा विधि
नाग पंचमी हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जिसमें नाग देवताओं की पूजा की जाती है. यह त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है.
पूजा सामग्री
- नाग देवता की मूर्ति या चित्र
- एक स्वच्छ पूजा स्थल
- हल्दी और कुमकुम
- दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर (पंचामृत)
- धूप और दीपक
- चंदन और अक्षत (चावल)
- फूल (विशेषकर सफेद फूल)
- प्रसाद (लड्डू, मिठाई)
- पान के पत्ते और सुपारी
- जल से भरा तांबे का कलश
- नारियल
पूजा विधि
सबसे पहले प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. पूजा स्थल को साफ करें और वहां एक साफ कपड़ा बिछाएं. नाग देवता की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थल पर स्थापित करें. नाग देवता के सामने एक आसन लगाएं और दीपक जलाएं. अब मूर्ति को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर) से स्नान कराएं और फिर हल्दी कुमकुम का तिलक लगाकर चंदन का लेप करें. नाग देवता को अक्षत (चावल) अर्पित करें और फूल चढ़ाएं. उनके सामने धूप और दीप जलाएं. तांबे के कलश में जल भरकर उसमें सुपारी, पान के पत्ते और नारियल रखें और नाग देवता को जल अर्पित करें.
नाग मंत्र
नाग मंत्र "ॐ नमः शिवाय" या "ॐ नागराजाय नमः" का जाप करें.
नाग देवता को लड्डू, मिठाई और अन्य प्रसाद अर्पित करने के बाद आप उनकी आरती करें और भोग लगाएं. पूजा के बाद नाग पंचमी की कथा सुनें या सुनाएं. इससे पूजा का महत्त्व और भी बढ़ जाता है. नाग पंचमी के दिन व्रत रखने का विशेष महत्त्व होता है. कई लोग फलाहार करते हैं और नाग देवता की आराधना करते हैं. नाग पंचमी के दिन नागों को दूध पिलाने की परंपरा है. इससे नाग देवता प्रसन्न होते हैं और परिवार की सुरक्षा करते हैं. नाग पंचमी की पूजा विधि का पालन कर हम नाग देवताओं की कृपा प्राप्त कर सकते हैं. यह पर्व जीवन में सुख, समृद्धि, और सुरक्षा लाता है. पूजा विधि को सही तरीके से करने से हमें नाग देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और हम सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्त होते हैं.
नाग पंचमी की कथा
नाग पंचमी की कई कथाएं प्रसिद्ध हैं, उनमें से एक मुख्य कथा ये है.
बहुत समय पहले एक किसान के परिवार में नाग पंचमी के दिन खेत में काम करते समय गलती से नाग के बच्चे को चोट लग गई. नागिन ने अपने बच्चे की मृत्यु का बदला लेने के लिए किसान के घर पर हमला कर दिया. किसान ने नागिन से क्षमा मांगी और नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा का वचन दिया. इसके बाद से ही नाग पंचमी का पर्व मनाया जाने लगा, ताकि नाग देवताओं की कृपा प्राप्त हो और परिवार सुरक्षित रहे.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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