Nagula Chavithi 2024: नागुला चविथी के दिन खासकर नाग देवताओं की पूजा की जाती है. दक्षिण भारत में इस पर्व का बहुत महत्व है. आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में ये पर्व विशेषकर मनाया जाता है. हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को ये दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर दिवाली के चौथे दिन होता है. मान्यता है कि नाग देवता पृथ्वी के रक्षक हैं और उनकी पूजा करने से धन, समृद्धि और सुख-शांति प्राप्त होती है. विवाहित महिलाएं इस दिन अपने बच्चों की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए नाग देवताओं की पूजा करती हैं. ऐसा कहा जाता है कि नाग देवताओं की पूजा करने से सांप के डंक से बचाव होता है.
नागुला चविथी कब है (Nagula Chavithi Kab Hai)
हिंदू पंचांग के अनुसार, चविथी तिथि (Nagula Chavithi 2024) आज नवम्बर 04 को 11:24 पी एम बजे से प्रारंभ होकर नवम्बर 06, 2024 को 12:16 ए एम बजे तक रहेगी. उदयातिथि को ध्यान में रखते हुए इस साल नागुला चविथी मंगलवार, नवम्बर 5, 2024 को मनायी जाएगी.
नागुला चविथी पूजा मुहूर्त - 10:59 ए एम से 01:10 पी एम तक है. यानि आपको पूजा के लिए 2 घंटे 11 मिनट का समय मिलेगा.
नागुला चविथी की पूजा विधि (Nagula Chavithi Puja Vidhi)
सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद आप सबसे पहले घर में एक साफ जगह पर नाग देवता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. पूजा के लिए दूध, दूध में भिगोए हुए चावल, फूल, दीपक, अगरबत्ती और रोली की आवश्यकता होती है. नाग देवता की मूर्ति या चित्र को दूध से स्नान कराएं. फिर उन्हें दूध, चावल और फूल चढ़ाएं. दीपक और अगरबत्ती जलाएं. नाग देवता के मंत्रों का जाप करने के बाद आप अगर चाहें तो इस दिन व्रत भी रख सकते हैं.
नागुला चविथी की कथा (Nagula Chavithi Story)
नागुला चविथी से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं. एक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को भगवान शिव ने पी लिया था, जिससे उनका गला नीला पड़ गया. तब से उन्हें नीलकंठ कहा जाता है. नाग देवता भगवान शिव के गले में रहते हैं, इसलिए उनकी पूजा की जाती है. नागुला चविथी (Nagula Chavithi 2024) का त्योहार परिवार और समुदाय के साथ मिलकर मनाया जाता है. यह एक सुंदर अवसर है, जो हमें प्रकृति और उसके सभी जीवों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का मौका देता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)