सूर्य उपासना का महापर्व छठ का आगाज आज नहाय खाय के साथ हो जाएगा। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से सप्तमी की तिथि तक भगवान सूर्यदेव की अटल आस्था का पर्व छठ पूजा मनाया जाता है।
व्रती सुबह स्नान करने के बाद चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्जी ग्रहण करेंगे। बुधवार को खरना होगा। इस दिन व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास के बाद शाम को पूजा-अर्चना के बाद खीर और रोटी का प्रसाद ग्रहण करेंगे। गुरुवार को 24 घंटे उपवास के बाद शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के बाद यह महापर्व समाप्त हो जाएगा।
चार दिन तक चलने वाले इस आस्था के महापर्व को मन्नतों का पर्व भी कहा जाता है। नहाय खाय के दिन सूर्योदय का समय है सुबह 6 बजकर 27 मिनट। आइए आपको बताते हैं इस दिन क्या करें खास।
छठ घाटों पर व्रतियों की सुविधाओं का भी ख्याल रखा जा रहा है। पुलिस प्रशासन के साथ पूरा महकमा व्रतियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इस प्रयास में जुट गया है।
छठ में साफ-सफाई का खास ख्याल रखा जाता है इसलिए इस दिन व्रत करने वाले साफ सुथरे और धुले कपड़े ही पहनना चाहिए। छठ पर्व के 4 दिन वर्त करने वाले किसी भी व्यक्ति को बिस्तर पर भी सोना नहीं चाहिए।
कौन है छठ देवी और क्यों होती है पूजा
मान्यता है कि छठ देवी सूर्य देव की बहन हैं और उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए जीवन के महत्वपूर्ण अवयवों में सूर्य व जल की महत्ता को मानते हुए, इन्हें साक्षी मान कर भगवान सूर्य की आराधना तथा उनका धन्यवाद करते हुए मां गंगा-यमुना या किसी भी पवित्र नदी या पोखर ( तालाब ) के किनारे यह पूजा की जाती है। षष्ठी मां यानी कि छठ माता बच्चों की रक्षा करने वाली देवी हैं। इस व्रत को करने से संतान को लंबी आयु का वरदान मिलता है और इसलिए छठ पूजा की जाती है।
Source : News Nation Bureau