देवी के नवें रूप को सिद्धिदात्री कहा जाता है. देवी महागौरी आपको भौतिक जगत में प्रगति के लिए आशीर्वाद और मनोकामना पूर्ण करती हैं, ताकि आप संतुष्ट होकर अपने जीवनपथ पर आगे बढ़ें. माँ सिद्धिदात्री आपको जीवन में अद्भुत सिद्धि, क्षमता प्रदान करती हैं ताकि आप सबकुछ पूर्णता के साथ कर सकें. सिद्धि का क्याअर्थ है? सिद्धि, सम्पूर्णता का अर्थ है – विचार आने से पूर्व ही काम का हो जाना. आपके विचारमात्र, से ही, बिना किसी कार्य किये आपकी इच्छा का पूर्ण हो जाना यही सिद्धि है.
आपके वचन सत्य हो जाएँ और सबकी भलाई के लिए हों. आप किसी भी कार्य को करें वो सम्पूर्ण हो जाए - यही सिद्धि है. सिद्धि आपके जीवन के हर स्तर में सम्पूर्णता प्रदान करती है. यही देवी सिद्धिदात्री की महत्ता है.
और पढ़ें: नवरात्रि 2018 : यहां पढ़ें देवी दुर्गा के नौ रूपों की कहानी
ऐसे करें सिद्धिदात्री की पूजा
घी का दीपक जलाने के साथ-साथ मां सिद्धिदात्री को कमल का फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है. इसके अलावा जो भी फल या भोजन मां को अर्पित करें वो लाल वस्त्र में लपेट कर दें. साथ ही नवमी पूजने वाले कंजकों और निर्धनों को भोजन कराने के बाद ही खुद खाएं.
Source : News Nation Bureau