Navratri 2019: इस विधि से करें मां कालरात्रि (Maa Kalratri) की पूजा वर्ना माता रानी हो जाएंगी नाराज

मां कालरात्रि (Maa Kalratri) की पूजा करने से भूत प्रेत, राक्षस, अग्नि-भय, जल-भय, जंतु-भय, शत्रु-भय, रात्रि-भय आदि सभी नष्ट हो जाते हैं.

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Drigraj Madheshia
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Navratri 2019: इस विधि से करें मां कालरात्रि (Maa Kalratri) की पूजा वर्ना माता रानी हो जाएंगी नाराज

मां कालरात्रि( Photo Credit : न्‍यूज स्‍टेट)

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नवरात्रि (Navaratri 2019) के सातवें दिन 5 अक्टूबर 2019 दिन शनिवार को सप्तमी तिथि है और इस दिन मां कालरात्रि (Maa Kalratri) की पूजा होगी. मां कालरात्रि (Maa Kalratri) को काली मिर्च, कृष्णा तुलसी या काले चने का भोग लगाया जाता है. वैसे नकारात्मक शक्तियों से बचने के लिए आप गुड़ का भोग लगा सकते हैं. इसके आलावा नींबू काटकर भी मां को अर्पित कर सकते हैं.

मां कालरात्रि (Maa Kalratri) का स्वरूप अत्यंत भयानक है पर मां का ह्रदय अत्यंत कोमल है. वह दुष्टों का नाश करके अपने भक्तों को सारी परेशानियों व समस्याओं से मुक्ति दिलाती है. इनके गले में नरमुंडों की माला होती है. नवरात्रि (Navaratri 2019) के सातवें दिन मां कालरात्रि (Maa Kalratri) की पूजा करने से भूत प्रेत, राक्षस, अग्नि-भय, जल-भय, जंतु-भय, शत्रु-भय, रात्रि-भय आदि सभी नष्ट हो जाते हैं.

कुंडली में सभी ग्रह खराब हो तो करें मां कालरात्रि (Maa Kalratri) की पूजा 

अगर किसी की कुंडली में सभी ग्रह खराब हो या फिर अशुभ फल दे रहे हों तो नवरात्रि (Navaratri 2019) के सातवें दिन उस व्यक्ति को मां कालरात्रि (Maa Kalratri) की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए क्योंकि सभी नौ ग्रह मां कालरात्रि (Maa Kalratri) के अधीन है.

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मां कालरात्रि (Maa Kalratri) की पूजा में कई चीजों का ध्यान रखना होता है और किसी भी तरह की त्रुटि इनकी पूजा में नहीं होनी चाहिए इसीलिए पूजा से पहले हमें अच्छी तरह से पूजा विधि जान लेनी चाहिए जिससे कोई गलती न हो. सबसे पहले तो मां कालरात्रि (Maa Kalratri) की पूजा में मुहूर्त का ध्यान रखा जाना चाहिए जिससे कि पूजा का पूरा फल मिल सके.

कालरात्रि की पूजा का शुभ मुहू्र्त

अमृत काल मुहूर्त- सुबह 6 बजकर 20 मिनट से 8 बजकर 20 मिनट तक (5 अक्टूबर 2019)

अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक (5 अक्टूबर 2019)

मां कालरात्रि (Maa Kalratri) की पूजा विधि

  • मां कालरात्रि (Maa Kalratri) की पूजा ब्रह्ममुहूर्त में ही की जाती है. वहीं तंत्र साधना के लिए तांत्रिक मां की पूजा आधी रात में करते हैं. इसलिए सूर्योदय से पहले ही उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं.
  • मां कालरात्रि (Maa Kalratri) के पूजन के लिए विशेष कोई विधान नहीं है. इस दिन आप एक चौकी पर मां कालरात्रि (Maa Kalratri) का चित्र स्थापित करें.
  • मां कालरात्रि (Maa Kalratri) को कुमकुम, लाल पुष्प, रोली आदि चढ़ाएं. माला के रूप में मां को नींबुओं की माला पहनाएं और उनके आगे तेल का दीपक जलाकर उनका पूजन करें.
  • मां को लाल फूल अर्पित करें. मां के मंत्रों का जाप करें या सप्तशती का पाठ करें. मां की कथा सुनें और धूप व दीप से आरती उतारने के बाद मां को प्रसाद का भोग लगाएं और मां से जाने अनजाने में हुई भूल के लिए क्षमा मांगें.
  • काले रंग का वस्त्र धारण करके या किसी को नुकसान पंहुचाने के उद्देश्य से पूजा ना करें. अगर आप शत्रुओं व विरोधियों से घिरे हैं और उनसे मुक्ति पाना चाहते हैं तो मां कालरात्रि (Maa Kalratri) की पूजा विशेष तरीके से भी कर सकते हैं.

मां कालरात्रि (Maa Kalratri) की विशेष पूजा

  • मां कालरात्रि (Maa Kalratri) की पूजा करने के लिए श्वेत या लाल वस्त्र धारण करें और ध्यान रहे कि यह विशेष पूजा आपको रात्रि में ही करनी है.
  • मां कालरात्रि (Maa Kalratri) के समक्ष दीपक जलाएं और उन्हें गुड़ का भोग लगाएं. 108 बार नवार्ण मंत्र पढ़ते जाएं और एक एक लौंग चढाते जाएं.
  • नवार्ण मंत्र है- "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे "
  • उन 108 लौंग को इकठ्ठा करके अग्नि में डाल दें.
  • ऐसा करने से आपके विरोधी और शत्रु शांत होंगे और आपकी सारी परेशानियां मां कालरात्रि (Maa Kalratri) स्वयं दूर कर देंगी.

मां कालरात्रि (Maa Kalratri) की पूजा का महत्व

नवरात्रि (Navaratri 2019) के सातवें दिन मां कालरात्रि (Maa Kalratri) की पूजा की जाती है जिनका रूप अत्यंत भयानक है. जो दुष्टों के लिए काल का काम करता है और उनके भक्तों के लिए शुभ फल प्रदान करता है.

मां कालरात्रि (Maa Kalratri) की आरती

कालरात्रि जय-जय-महाकाली.
काल के मुह से बचाने वाली॥

दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा.
महाचंडी तेरा अवतार॥

पृथ्वी और आकाश पे सारा.
महाकाली है तेरा पसारा॥

खडग खप्पर रखने वाली.
दुष्टों का लहू चखने वाली॥

कलकत्ता स्थान तुम्हारा.
सब जगह देखूं तेरा नजारा॥

सभी देवता सब नर-नारी.
गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥

रक्तदंता और अन्नपूर्णा.
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥

ना कोई चिंता रहे बीमारी.
ना कोई गम ना संकट भारी॥

उस पर कभी कष्ट ना आवें.
महाकाली मां जिसे बचाबे॥

तू भी भक्त प्रेम से कह.
कालरात्रि मां तेरी जय॥

Source : न्‍यूज स्‍टेट ब्‍यूरो

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