कोरोना वायरस (Corona Virus) के खतरे के बीच देश-दुनिया में शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) का पावन पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. भक्त पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ मां गौरी की पूजा-अर्चना में लीन हैं. कोई निर्जला व्रत कर रहा है तो कोई फलाहारी. कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus Epidemic) के बाद भी भक्तों के उत्साह और जोश में कोई कमी नहीं है. नवरात्रि में अभी दो दिन शेष हैं. कल शनिवार को अष्टमी और फिर रविवार को नवमी के दिन पूजा-हवन (Mahanavami Hawan) का विशेष महत्व है. इसके साथ ही कन्या पूजन (Kanya Pujan) का भी विधान है. हम आपको हवन में उपयोग में आने वाली सामग्री और हवन के शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurt) के बारे में बता रहे हैं.
हवन के लिए जरूरी सामग्री : महानवमी के हवन के लिए जिन सामग्रियों का उपयोग किया जाता है, उनमें प्रमुख रूप से आम की लकडियां, बेल, नीम, पलाश का पौधा, कलीगंज, देवदार की जड़, गूलर की छाल और पत्ती, पापल की छाल और तना, बेर, आम की पत्ती और तना, चंदन का लकड़ी, तिल, कपूर, लौंग, चावल, ब्राह्मी, मुलैठी, अश्वगंधा की जड़, बहेड़ा का फल, हर्रे तथा घी, शक्कर, जौ, गुगल, लोभान, इलायची एवं अन्य वनस्पतियों का बूरा आदि शामिल हैं. इनके अलावा गाय के गोबर से बने उपले घी में डुबाकर हवन में डाले जाते हैं.
हवन का शुभ मुहूर्त : इस बार नवरात्रि की नवमी तिथि 24 अक्टूबर शनिवार को सुबह 06:58 बजे से शुरू होकर 25 अक्टूबर रविवार सुबह 07:42 तक रहेगी. इसलिए महानवमी का हवन 25 अक्टूबर को ही होगा. नवमी के दिन हवन के लिए 1 घंटा 13 मिनट का समय है. सुबह 06:28 बजे से 07:41 बजे तक हवन किया जा सकता है. दूसरी ओर, दुर्गाष्टमी के दिन हवन करने वाले लोग 24 अक्टूबर को सुबह 06:58 बजे से शाम 05:42 बजे तक हवन कर सकते हैं.
Source : News Nation Bureau