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Navratri 2020: इस बार शारदीय नवरात्र (Sharad Navratri) 17 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. अधिकमास (Adhik Maas 2020) लगने के कारण इस बार शारदीय नवरात्रि एक महीने देर से शुरू हो रही है. हर साल पितृपक्ष के समाप्ति के अगले दिन से ही शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाती है लेकिन अधिक मास के चलते पितृ पक्ष की समाप्ति के बाद नवरात्रि शुरू नहीं हो सकी. इस बार नवरात्रि 17 अक्टूबर 2020 से शुरू होकर 25 अक्टूबर तक चलेगी. नवरात्रि में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना होती है. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है. नवरात्रि में कलश स्थापना के दौरान इन बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है.
- शुभ मुहूर्त में ही कलश स्थापना करें, तभी आपको इसका फलदायी फल प्राप्त हो सकता है.
- सबसे पहले, एक मिट्टी के पात्र में जौ बो लें. मिट्टी का कलश लेकर उस पर जल का छिड़काव करें.
- कलश पर स्वस्तिक बनाएं और कलश में मौली बांधें. थोड़े गंगाजल और शुद्ध जल से पूरा भर दें.
- कलश को भगवान गणेश का स्वरूप माना जाता है, इसलिए उस पर साबुत सुपारी, फूल और दूर्वा आदि चढ़ाएं.
- कलश में इत्र, पंचरत्न और एक सिक्का के अलावा पांचों प्रकार के पत्ते डालें.
- एक ढक्कन में अक्षत (चावल) भरकर कलश के ऊपर रखें.
- एक नारियल को लाल चुन्नी में लपेटकर और मौली बांधकर उसे कलश पर रखें.
- कलश पर नारियल रखते समय ध्यान रखें कि उसका मुंह आपकी तरफ होना चाहिए.
- कलश स्थापना के बाद परिवारिजनों के साथ मां दुर्गा का आह्वान करते हुए पूजा-अर्चना करें.
Source : News Nation Bureau
एमपी-उपचुनाव-2020
नवरात्रि
Kalash Sthapana
Maa Shailputri
adhik maas
मां शैलपुत्री
Navratri 2020
शारदीय नवरात्र
अधिक मास
Ghat Sthapana
कलश स्थापना
घट स्थापना
Sharadiya Navratra
Adhik Maas 2020
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