आम तौर पर पितृपक्ष (Pitra paksha 2020) खत्म होने के साथ ही शारदीय नवरात्र शुरू हो जाते हैं पर इस बार अधिकमास के चलते ऐसा नहीं हो पाया है. पितृपक्ष 17 सितंबर को समाप्त हो चुका है लेकिन इस बार शारदीय नवरात्र (Shardiya navratri 2020) 17 अक्टूबर से शुरू होकर 25 अक्टूबर तक रहेंगे. 17 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक मां दुर्गा (Maa durga) के नौ स्वरूपों की उपासना की जाएगी. जानें नवरात्रि क्यों देर से शुरू हो रही है.
जानकारों का कहना है कि श्राद्ध के बाद अधिकमास (Adhikmaas 2020) लगने से नवरात्रि (Navratri 2020) एक महीने देर से शुरू होगी. अधिकमास के चलते नवरात्रि, दशहरा और दीपावली भी देरी से आएंगे. 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी होगी. जिसके साथ ही चातुर्मास भी खत्म हो जाएंगे. इसके बाद ही कोई भी मंगल कार्य किए जा सकेंगे.
सूर्य के सभी 12 राशियों के भ्रमण में लगने वाले समय को सौर वर्ष कहते हैं. यह 365 दिन और 6 घंटे की अवधि का होता है. चंद्रमा साल भर में 12 बार हर राशि भ्रमण करते हैं, जिसे चंद्रवर्ष बोलते हैं. चंद्रवर्ष 354 दिन और 9 घंटे का होता है. सूर्य और चंद्रमा के वर्ष का समीकरण ठीक करने के लिए अधिक मास की उत्पत्ति हुई. जिस महीने सूर्य संक्रांति नहीं होती, उसे अधिक मास कहते हैं.
शारदीय नवरात्रि का कार्यक्रम
- 17 अक्टूबर- मां शैलपुत्री पूजा घटस्थापना
- 18 अक्टूबर- मां ब्रह्मचारिणी पूजा
- 19 अक्टूबर- मां चंद्रघंटा पूजा
- 20 अक्टूबर- मां कुष्मांडा पूजा
- 21 अक्टूबर- मां स्कंदमाता पूजा
- 22 अक्टूबर- षष्ठी मां कात्यायनी पूजा
- 23 अक्टूबर- मां कालरात्रि पूजा
- 24 अक्टूबर- मां महागौरी दुर्गा पूजा
- 25 अक्टूबर- मां सिद्धिदात्री पूजा
Source : News Nation Bureau