Navratri 2023 : भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र से जब मां सती के शरीर के सभी अंग देश के जिन जगहों पर कटकर गिरे, उन्हें शक्तिपूठ कहा जाता है. इन शक्तिपीठों का विशेष महत्व है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में 9 शक्तिपीठों के बारे में विस्तार से बताएंगे. जहां मां सती की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधि-विधान है और इनकी पूजा करने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती है.
1.कालीघट मंदिर
ये मंदिर कोलकाता में स्थित है. यहां मां सती के पांव की चार ऊंगलियां कटकर गिरी थी. ये माता सती के 52 शक्तिपीठों में से एक है.
2.अम्बाजी का मंदिर
ये मंदिर गुजरात और राजस्थान की सीमा बनासकांठा जिले में स्थित पहाड़ियों के ऊपर है. यह मां सती को समर्पित 52 शक्तिपीठों में से एक है. ऐसा कहा जाता है कि यहां मां का हृदय गिरा था, इसलिए नवरात्रि के समय यहां भक्तों की खूब भीड़ होती है.
3.हर सिद्धि माता मंदिर
यह मंदिर उज्जैन में स्थित है. ये मंदिर प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है. कहते हैं, यहां मां सती का बांया हाथ और होथ का ऊपरी हिस्सा गिरा था. नवरात्रि के समय यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है.
4.ज्वाला देवी मंदिर
ये मंदिर कांगड़ा जिले में कालीधर पहाड़ी के बीच ज्वाला देवी मंदिर में हर साल भक्तों की खूब भीड़ उमड़ती है. यहां मां सती की आंखें गिरी थी.
5.कामख्या मंदिर
ये मंदिर असम के गुवाहाटी में स्थित है. ऐसा कहते हैं, कि यहां मां सति का योनि का भाग कटकर गिरा था. यहां योनि पूजन करने की मान्यता है.
6. तारापीठ
ये मंदिर पश्चिम बंगाल में स्थित है. ऐसा कहते हैं,यहां मां सती के नयन (तारा) गिरे थे. इसलिए इसका नाम तारापीठ पड़ा. यह मंदिर तंत्र-मंत्र की सिद्धि के लिए जाना जाता है.
7.नैना देवी मंदिर
यह मंदिर हिमाचल प्रदेश में स्थित है. यहां मां सती के नेत्र गिरे था, इसलिए इस मंदिर का नाम नैना देवी पड़ा.
8.श्री वज्रेश्वरी देवी मंदिर
यह मंदिर हिमाचल प्रदेश में स्थित है. ये 9 शक्तिपीठों में से एक है. यहां मां सती का स्तनभाग गिरने से एक शक्ति प्रकट हुई थी. उसे वज्रेश्वरी कहलाया गया. यह मंदिर ज्योतिष विद्या को लेकर
9. महालक्ष्मी मंदिर
महाराष्ट्र के कोल्हापुर में यह मंदिर स्थित है. यहां मां सती का त्रिनेत्र गिरा था. यहां साल में एक बार सूर्य की किरणें देवी की प्रतिमा पर पड़ती है.