Navratri Me Garba Aur Dandiya Ka Mahatva: शारदीय नवरात्रि का पर्व हर साल पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. साल 2024 में शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से होगी. नवरात्रि के इस पावन अवसर पर माता दुर्गा की आराधना की जाती है और अलग-अलग जगहों पर इसे अपने-अपने तरीके से मनाया जाता है. इन्हीं में से एक गुजरात है, गुजरात में नवरात्रि के दौरान गरबा और डांडिया खेलना इस त्योहार का मुख्य आकर्षण होता है. गरबा और डांडिया दोनों ही गुजरात की लोक संस्कृति का हिस्सा हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों के बीच क्या अंतर होता है और नवरात्रि के दौरान इन्हें क्यों खेला जाता है? तो चलिए जानते हैं नवरात्रि में गरबा और डांडिया का क्या महत्व है. साथ ही जानिए दोनों में अंतर.
गरबा और डांडिया में क्या अंतर है?
गरबा और डांडिया दोनों ही लोकप्रिय नृत्य हैं, लेकिन इन दोनों में अंतर है. गरबा नवरात्रि की आरती से पहले खेला जाता है, जबकि डांडिया आरती के बाद खेला जाता है. गरबा बिना किसी वस्तु के खेला जाता है, जिसमें महिलाएं और पुरुष एक साथ ग्रुप में डांस करते हैं. वहीं, डांडिया खेलने के लिए छोटी-छोटी सजी हुई लकड़ी की डंडियों का इस्तेमाल किया जाता है. डांडिया में नृत्य करते समय ये डंडियां आपस में टकराई जाती हैं, जिससे एक मधुर ध्वनि होती.
गरबा कैसे खेला जाता है?
गरबा नृत्य की शुरुआत से पहले माता दुर्गा की पूजा की जाती है. महिलाएं मिट्टी के कलश में छेद करती हैं और उसमें दीया जलाकर चांदी का सिक्का डालती हैं. इसके बाद इस दीए की रोशनी में गरबा का नृत्य धीरे-धीरे शुरू होता है. गरबा में महिलाएं और पुरुष एक साथ गोल घेरा बनाकर नृत्य करते हैं. इस नृत्य के लिए पारंपरिक पोशाक पहनना भी जरूरी होता है, जिससे गरबा और भी सुंदर दिखता है.
डांडिया कैसे खेला जाता है?
डांडिया गरबा के मुकाबले थोड़ा अधिक उत्साह से भरा होता है. इसमें छोटे-छोटे रंग-बिरंगे डंडियों का इस्तेमाल किया जाता है. ढोल-नगाड़े और तबले की धुन पर लोग अपनी डंडियों को आपस में टकराते हुए नृत्य करते हैं. बता दें कि इस साल 2024 में नवरात्रि का पर्व 3 अक्टूबर से शुरू हो रहा है और 12 अक्टूबर को विजयादशमी का उत्सव मनाया जाएगा. नवरात्रि के नौ दिनों में गरबा और डांडिया का विशेष महत्व होता है, जहां लोग माता दुर्गा की आराधना के साथ इस नृत्य को करते हैं और त्योहार का पूरा आनंद लेते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)