Neem Remedies For Pitr Dosh: घर के आंगन में या बाहर नीम का पेड़ लगाना भारतीय संस्कृति में काफी शुभ माना गया है. नीम का पेड़ न केवल औषधीय गुणों से भरपूर होता है बल्कि इसका धार्मिक महत्व भी बताया गया है. मान्यता है घर के बाहर नीम का पेड़ लगाने से शनि, केतु और पितृ दोष से मुक्ति मिल जाती है. ज्योतिष शास्त्र में नीम से जुड़े कुछ बेजोड़ उपायों का जिक्र मिलता है जिन्हें आजमाने से न सिर्फ शनि या राहु-केतु के क्रोध से मुक्ति मिलती है बल्कि पितृ दोष से भी छुटकारा मिल जाता है.
परिवार में बना रहता है मेल
धार्मिक मान्यता के मुताबिक घर के अंदर या बाहर नीम का पेड़ लगाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है. इससे परिवार में मेल बना रहता है और घर के लोग निरोगी रहते हैं. कई लोग नीम के पेड़ को मां दुर्गा का अवतार मानते हैं. जिसके चलते इसे नीमारी देवी भी कहा जाता है. नीम का स्वाद कड़वा जरूर होता है लेकिन यह कई सारी बीमारियों और परेशानियों को हर लेता है. इसलिए यह इंसान का सबसे बढ़िया दोस्त कहलाता है.
शनि की महादशा को ऐसे करें दूर
अगर आप पर शनि का कोप हो या कुंडली में शनि की महादशा चल रही हो तो भी नीम का उपाय आपकी परेशानियों को दूर कर सकता है. इसके लिए आप नीम की छोटी सी टहनी तोड़ें और उसकी लकड़ी के छोटे-छोटे पीस करके माला बना लें. माना जाता है कि एक महीने तक इस माला को धारण करने से शनि का अशुभ प्रभाव खत्म हो जाता है और वे आपसे प्रसन्न होकर कई तरह के वरदान देते हैं.
केतु के कोप से ऐसे पाएं मुक्ति
जो लोग केतु के कोप से जूझ रहे हैं, उनके लिए भी नीम से बड़ा कोई उपाय नहीं है. ऐसे लोग केतु के क्रोध को शांत करने के लिए अपने घर में नीम की लकड़ियों से हवन करवाएं. करीब 2 महीने तक हर सप्ताह इस प्रकार का हवन करवाया जाना चाहिए. इसके साथ ही नीम की पत्तियों का रस निकालकर उन्हें नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करना चाहिए. माना जाता है कि इ दोनों उपायों से केतु का क्रोध शांत हो जाता है और आपकी जिंदगी में खुशहाली आती है.
पितृदोष से मुक्ति के लिए करें ये उपाय
कई लोग ऐसे होते हैं, जिनके जीवन में पितृ दोष चल रहा होता है. इसके चलते उन्हें कई प्रकार की परेशानियां उठानी पड़ती हैं. अगर आप भी ऐसी ही किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो इसका उपाय ज्योतिष शास्त्र में दिया गया है. शास्त्र के मुताबिक कुंडली में पितृदोष को दूर करने के लिए घर के दक्षिण या उत्तर पश्चिमी कोण में नीम का पेड़ लगाया जाना चाहिए. इससे पितर प्रसन्न होते हैं और परिवार पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं.