हिंदू मान्यता के अनुसार चैत्र के महीने (chaitra month 2022) को नववर्ष का पहला महीना माना जाता है. इस बार चैत्र नवरात्रि (Chaitra navratri 2022) 2 अप्रैल से शुरू होंगे और 11 अप्रैल को समाप्त होंगे. चैत्र के महीने में लोग देवी मां के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं. वैसे तो साल में चार नवरात्रि मनाई जाती हैं लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है. इस पावन मौके पर भक्त माता के लिए व्रत रखते हैं.
घर पर कलश की स्थापना कर मां को आमंत्रित करते हैं. वहीं कई श्रद्धालु चैत्र नवरात्रि में माता के मंदिर में जाकर माथा टेकते हैं. भारत में मां के कई प्राचीन और पवित्र मंदिर (april navratri 2022) है, जिसकी महत्ता और अद्भुत कहानियां व चमत्कार प्रसिद्ध हैं. 51 शक्तिपीठों के अलावा कई चमत्कारी मंदिर भी हैं, जहां पूजा अर्चना करने से मनोकामना की पूर्ति होती है. अगर आप भी चैत्र नवरात्रि के दौरान मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे हैं. तो, एक बार इस देवी के मंदिर में जरूर जाएं. जहां धरना देने से मां भक्तों की मुराद पूरी करती हैं. तो, चलिए जान लें वो मंदिर (dharna wala mandir) कौन-सा है.
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मां नेतुला का है मंदिर
आज जिस मंदिर का नाम हम बताने जा रहे हैं वो नेतुला मंदिर (maa netula mandir) है. ये मंदिर बिहार के जमुई जिले में स्थित है. यहां सिकंदरा प्रखंड के कुमार गांव में देवी का प्रसिद्ध नेतुला मंदिर है. वैसे तो इस मंदिर में साल भर भक्तों का जमावड़ा रहता है लेकिन चैत्र नवरात्रि के वक्त इस पावन मंदिर में काफी भीड़ हो जाती है.
मंगलवार को शनिवार को होती है खास पूजा
वैसे तो मां नेतुला मंदिर में रोजाना पूजा और आरती होती है लेकिन, मंगलवार और शनिवार को यहां विशेष पूजा की जाती है. मां नेतुला मंदिर में हर दिन सुबह और शाम मां का फूलों से श्रृंगार किया जाता है. आरती में वहां रह रहे लोग के साथ-साथ दूर दराज से भक्त भी शामिल होने (netula mandir tuesday puja) पहुंचते हैं.
मंदिर में धरना देते हैं भक्त
इस मंदिर को लेकर एक खास मान्यता ये है कि नेतुला मंदिर में अगर कोई भक्त सच्चे मन से 30 दिनों तक धरना देता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. माना जाता है कि मां नेतुला मंदिर में धरना देने से नि:संतान दंपत्ति को संतान की प्राप्ति और आंखों की रोशनी हो चुके भक्त को देखने की क्षमता वापस मिल जाती (netula temple history) है.
धार्मिक एकता का प्रतीक
ये मंदिर धार्मिक एकता का भी प्रतीक है. मां नेतुला मंदिर में मुस्लिम समुदाय के लोग भी दर्शन करने आते हैं. माता की पूजा और दर्शन करने से उनके सारे पाप उतर जाते हैं और मनोवांछित फल (netula mandir dharna) की प्राप्ति होती है.