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Never Greet These People: इन लोगों का अभिवादन करना बना सकता है आपको घोर अपराध का भागी

Never Greet These People: कुछ लोगों को हमें भूलकर भी कभी अभिवादन नहीं करना चाहिए. ऐसा करना शास्त्रों में वर्जित माना गया है. आखिर वे कौन लोग हैं, जिनका हमें अभिवादन नहीं करना चाहिए. आइए जानते हैं.

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Gaveshna Sharma
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Never Greet These People astrology tips

इन लोगों का अभिवादन करना बना सकता है आपको घोर अपराध का भागी ( Photo Credit : Social Media)

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Never Greet These People: भारत की प्राचीन काल से चली आ रही संस्कृति में कहा गया है कि दूसरों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए हमें हमेशा हाथ जोड़कर उनका अभिवादन करना चाहिए. यह अभिवादन केवल इंसानों को ही नहीं बल्कि नदियों, पर्वत, वृक्षों, पशु-पक्षियों आदि सभी को करना चाहिए. ऐसा करके हम उनका सत्कार करने के साथ ही उन्हें धन्यवाद भी दे रहे होते हैं कि उनकी वजह से आज हम अच्छा जीवन भोग रहे हैं. लेकिन कुछ लोगों को हमें भूलकर भी कभी अभिवादन नहीं करना चाहिए. ऐसा करना शास्त्रों में वर्जित माना गया है. आखिर वे कौन लोग हैं, जिनका हमें अभिवादन नहीं करना चाहिए. आइए जानते हैं. 

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केवल सद्गुणी व्यक्तियों को ही करें प्रणाम
धर्मशास्त्रों के मुताबिक केवल सद्गुणी पुरुष और स्त्री ही प्रणाम करने योग्य हैं. दुष्ट और दुराचारी लोगों का कभी अभिवादन नहीं करना चाहिए. 

व्याघ्रपाद स्मृति (Vyagrapada Smriti) के अनुसार, वमन यानी उल्टी करते, जम्हाई लेते या मंजन करते समय भी किसी को प्रणाम करना निषिद्ध माना गया है. 

जो व्यक्ति नास्तिक हो, उसका कभी अभिवादन नहीं होना चाहिए. उपकार के बदले अपकार करने वाले व्यक्तियों को भी प्रणाम नहीं करना चाहिए. 

इन लोगों को अभिवादन से करें परहेज
खुद भोजन करते समय दूसरों के भोजन के समय भी किसी को प्रणाम नहीं करना चाहिए. गर्भपात करने वाली या अपने पति की हत्या करने वाली स्त्री को भी प्रणाम करने की मनाही है. 

जो लोग पापी हों, पाखंड करते हों, यज्ञोपवीत के नियत काल का उल्लंघन करते हों, दुष्ट स्वभाव वाले हों या जूते पहनकर मंदिर में प्रवेश करते हों, उन्हें भी प्राण नहीं करना चाहिए. 

अगर कोई व्यक्ति दुष्टों का अभिवादन करता है तो वह खुद अशुद्ध हो जाता है और केवल अहोरात्र उपवास से ही उसका शुद्धिकरण हो सकता है. 

एक हाथ से अभिवादन करना गलत
महर्षि व्याघ्रपाद कहते हैं कि जो लोग एक हाथ हिलाकर या हाथ से हाथ मिलाकर अभिवादन करते हैं, वे पाप के भागी बनते हैं. एक हाथ से अभिवादन करने पर वे पूरी जिंदगी मे कमाए हुए पुण्य को पल भर में खो बैठते हैं. 

इसलिए किसी भी व्यक्ति का अभिवादन हमेसा दोनों हाथ जोड़कर ही करना चाहिए, इस दौरान सम्मान स्वरूप सिर को झुकाना भी जरूरी होता है.

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