Nirjala Ekadashi Kab Hai: ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहा जाता है. ये एकादशी सभी एकादशी तिथियों में सबसे खास मानी जाती है क्योंकि इस एक एकादशी का व्रत करने से सभी एकादशी व्रतों के बराबर फल मिलता है. लेकिन ये व्रत कहां करना इतना आसान नहीं होता क्योंकि इस दिन बिना एक बूंद पानी पे व्रत करने का विधान है. इस दिन बिना कुछ खाये पिए भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. और मान्यता है कि इस दिन के व्रत और पूजा पाठ का फल दोगुना मिलता है. जो व्यक्ति एकादशी का व्रत रखता है और उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है. इसके अलावा जीवन में सुख शांति का वास होता है, लेकिन यह सारी चीजें तभी मिलती है जब आप शुभ मुहूर्त पर सही तरीके से पूजा पाठ करेंगे और खास तौर पर उस दिन कुछ बातों का खास ख्याल जरूर रखेंगे. तो व्रत वाले दिन आप क्या करें, क्या ना करें? कैसे पूजा करें?
निर्जला एकादशी व्रत कब रखा जाएगा ?
निर्जला एकादशी का व्रत 18 जून को मंगलवार के दिन रखा जाएगा. वैदिक पांचंग के मुताबिक ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 17 जून को सुबह 4:43 पर हो रही है, जबकि इसका समापन 18 जून को सुबह 7:28 पर होगा. उदयातिथि के चलते निर्जला एकादशी का व्रत 18 जून को रखा जाएगा.
निर्जला एकादशी के दिन क्या करें ?
निर्जला एकादशी के दिन पीले रंग के साफ़ कपड़े पहने. इस दिन काले भूरे रंगों का उपयोग ना करें वरना आपको अशुभ परिणाम मिल सकते हैं. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लेना चाहिए. देर तक सोने से बचना चाहिए. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें. साथ ही साथ व्रत कथा जरूर करें. निर्जला एकादशी के दिन व्रत कथा सुनने वाले को भी स्वर्ग की प्राप्ति होती है. इस दिन शाम के समय तुलसी के पास घी का दीपक जलाये. मान्यता है की तुलसी में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का वास होता है. गाय, कुत्ते और कौवे समेत जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाए. निर्जला एकादशी की पूजा के बाद जल, कलश या जल का दान जरूर करना चाहिए. इससे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है.
निर्जला एकादशी के दिन क्या ना करें ?
निर्जला एकादशी के दिन भूलकर भी किसी को भी अपशब्द नहीं बोलना चाहिए. इससे भगवान विष्णु की नाराजगी झेलनी पड़ती है. निर्जला एकादशी के दिन भूलकर भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति का अगला जन्म रेंगने वाले कीड़े के रूप में होता है. निर्जला एकादशी के दिन देर तक सोने से बचना चाहिए. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लेना चाहिए. निर्जला एकादशी के दिन काले कपड़े पहनने से बचना चाहिए वरना आपको अशुभ परिणाम मिल सकते हैं. इस दिन झूट ना बोले दूसरों से घृणा ना करें, दूसरों के बारे में बुरा ना सोचे और ना ही बुरे कर्म करे. निर्जला एकादशी के दिन बाल ना काटे. दाढ़ी ना बनाए और ना खून ना काटे. तामसिक वस्तुओं का सेवन ना करें. इस दिन घर में झाड़ू लगाने से बचे ताकि उससे कोई छोटा जेव आहत ना हो जाए. इन बातों का खास ख्याल रखते हुए अगर आपने निजड़ा एकादशी पर सही तरीके से पूजा अर्चना कर ली तो आप पर भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की कृपा परस्लिता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau