Sawan Niuri Navami 2022: सावन में नागपंचमी के बाद एक और पर्व नाग देवता को समर्पित है जिसे 'निउरी नवमी या नकुल नवमी' के नाम से जाना जाता है. चूंकि ये पर्व सावन की नवमी तिथि को मनाया जाता है इसी कारण इसका नाम निउरी नवमी है. इस व्रत की खासियत ये है कि इस व्रत का अनुसरण मुख्य तौर पर पुत्रवती स्त्रियां यानी कि वो महिलाएं करती हैं जिनके बेटे होते हैं. मान्यता है कि सांप के प्रहार और उसके विषदंश से बचने के लिए इस व्रत को महिलाएं रखती हैं. ताकि उनका परिवार सांप के डसने से सुरक्षित रहे. इस बार सावन मास की नवमी तिथि 6 अगस्त को पड़ रही है. ऐसे में आइए जानते हैं इस व्रत से जुड़ी अन्य खास बातें.
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- प्रातः स्नान के बाद कलश स्थापना कर सबसे पहले गणेश जी का पूजन किया जाता है.
- इस पूजा में गुड़ घी का विशेष महत्व है.
- उड़द व चने की दाल की पिट्ठी भरकर कचौड़ियां बनाई जाती हैं.
- यही इस व्रत का भोजन होता है, जो पारण के समय किया जाता है.
- इस व्रत से जुड़ी एक और विशेषता ये भी है कि इस व्रत में नेवले की भी पूजा की जाती है जिसे सांपों का सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता है.