कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस साल केवल पूरी के जगन्नाथ मंदिर में रथयात्रा निकाली जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा के कई अन्य हिस्सों में रथ यात्रा की अनुमति की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया. चीफ जस्टिस रमना ने कहा कि मैं ख़ुद हर साल पूरी जाता रहा हूं , पर पिछले डेढ़ साल से वहां नहीं जा पाया हूं. मुझे खुद बुरा महसूस हो रहा है, लेकिन कुछ कर नही सकते. अगर दूसरे हिस्सों में भी रथयात्रा की इजाज़त दी जाती है तो भक्त ही परेशान होंगे. हम ऐसा रिस्क नहीं के सकते. हम उम्मीद ही कर सकते है कि अगले साल ईश्वर हमे रथयात्रा की इजाजत दें.
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मुख्य न्यायाधीश ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि आप भगवान की प्रार्थना को घर से कर सकते हैं. स्थितियां ऐसी नहीं है कि आप ओडिशा जाकर ही प्रार्थना करें. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भगवान अगले साल सभी लोगों को रथ यात्रा में शामिल होने की अनुमति देंगे. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें भी बुरा लग रहा है लेकिन वह मदद नहीं कर सकते. वह भी भगवान के दर्शन करना चाहते हैं मगर स्थिति अभी ऐसी नहीं है. यह यात्रा इस बार 12 जुलाई से शुरू होगी.
पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा एक वार्षिक उत्सव है और इस बार यह 12 जुलाई को होनी है. याचिका में कहा गया था कि ओडिशा सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 में निहित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए 10 जून को एक आदेश पारित किया जिसके तहत रथ यात्रा को शीर्ष अदालत द्वारा पिछले साल पारित आदेश में तय शर्तों के मुताबिक निकालने की अनुमति दी गई है.
सरकारी आदेश में कहा गया कि इस साल 12 जुलाई को सिर्फ पुरी में रथयात्रा आयोजित होगी और राज्य के अन्य मंदिर अपने-अपने परिसर में इसका आयोजन कर सकते हैं.
गैरसरकारी संगठन विश्वो गौ सुरक्षा वाहिनी और धर्म रक्षा सेना ने अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के जरिये दायर याचिका में कहा कि रथ यात्रा का अनुष्ठान राज्य भर के मंदिरों में परंपरागत तरीके से सदियों से आयोजित किया जा रहा है.
याचिकाकर्ता ने कहा कि उड़ीसा उच्च न्यायालय का 23 जून का आदेश इस बात की तस्दीक करने में नाकाम रहा है कि “रथयात्रा पर पूर्ण प्रतिबंध भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 की तहत नागरिकों को दी गई धर्म के अधिकार की गारंटी के खिलाफ है.”
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सरसपुर मंदिर के पुजारी ने रथ यात्रा नहीं निकालने पर दी आंदोलन की धमकी
सरसपुर मंदिर के पुजारी महंत लक्ष्मणदासजी महाराज ने शनिवार को कहा कि अगर इस साल 'रथ यात्रा' नहीं हुई तो यह अशुभ होगा. उन्होंने पहले भी यात्रा में देरी होने पर आत्महत्या करने की धमकी दी थी. महंत लक्ष्मणदासजी महाराज ने आईएएनएस से कहा, "पूरा साधु-संत समुदाय इस मुद्दे पर फैसला करेगा और जरूरत पड़ने पर आंदोलन का सहारा लेगा."
महंत ने पूछा "मुझे लगता है कि सरकार इस साल यात्रा की अनुमति देगी क्योंकि सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, मॉल और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति थी, तो 'रथ यात्रा' क्यों नहीं?"