Janakpuri Mahotsav Agra: पिछले 150 वर्षों से चली आ रही उत्तर भारत की प्रतिष्ठित जनकपुरी महोत्सव का शुभारंभ आज आगरा के शाहगंज क्षेत्र में हुआ. मिथलानगरी का रूप धारण किए शाहगंज क्षेत्र को दुल्हन की तरह सजाया गया था, जहां सुबह भगवान राम की बारात पहुंची. भगवान राम और माता सीता के विवाह की रस्में संपन्न की गईं, और जैसे ही शाम को कोठी मीना बाजार मैदान में बने जनकमहल पर माता जानकी और भगवान श्री राम के साथ उनके तीनों भाई पहुंचे, आस्था का विशाल जनसमूह उमड़ पड़ा. धवल रोशनी में जगमगाते जनकमहल का दृश्य अद्भुत और अलौकिक था. हर ओर भक्तिमय माहौल छा गया और चारों दिशाओं में एक ही ध्वनि गूंज रही थी—जय श्री राम! जहां तक नजर जाती, श्रद्धालुओं का सैलाब दिखाई दे रहा था.
रघुनंदन श्री राम और जानकीनंदन माता सीता के आगमन का बेसब्री से इंतजार करती हजारों आंखें अपलक जनकमहल को निहार रही थीं. अंततः लगभग साढ़े दस बजे वह क्षण आया, जब भगवान श्री राम अपने तीनों भाइयों के साथ विशाल जनसमुद्र को पार कर मंच पर पहुंचे. वहां राजा जनक और रानी सुनयना ने रघुनंदन का भव्य स्वागत किया. इस दौरान भगवान राम और माता जानकी का दिव्य स्वरूप जनकमहल में देखने योग्य था. इसके बाद मंगल आरती का दौर शुरू हुआ, जिसमें महोत्सव के सभी पदाधिकारी और अतिथि शामिल हुए. भगवान राम, माता जानकी, भरत और लक्ष्मण की आरती उतारी गई और इसी के साथ महोत्सव का औपचारिक उद्घाटन किया गया.
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और जनक महल की भव्यता
जनकपुरी महोत्सव में शाम से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने लगी थी. कोठी मीना बाजार मैदान में बने जनकमहल के सामने हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान राम और माता जानकी के दर्शन के लिए जुट गए. सभी की एक ही इच्छा थी कि भगवान राम के साथ माता सीता के दिव्य दर्शन हो जाएं. इस महोत्सव का सबसे प्रमुख आकर्षण जनक महल था, जिसे दुबई के अबू धाबी में बने भव्य मंदिर की तर्ज पर तैयार किया गया था. इसे देखकर दर्शक और जनकपुरी के निवासी प्रफुल्लित महसूस कर रहे थे. हर कोई इस भव्य और दिव्य महल की तस्वीरें अपने कैमरे में कैद कर रहा था.
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की छटा
शाम होते ही जनकमहल पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई. कलाकारों द्वारा लोकनृत्य, लोकगीत, और भगवान राम के भजनों की मनमोहक प्रस्तुति दी गई. इन प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. आयोजकों के अनुसार, अगले तीन दिनों तक ऐसे ही भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे.
तीन दिवसीय आयोजन में नए कार्यक्रम
तीन दिवसीय इस जनकपुरी महोत्सव में हर दिन नए-नए कार्यक्रम होंगे. प्रत्येक दिन भगवान राम और माता सीता का डोला चांदी के रथ में सवार होकर मंच पर लाया जाएगा, जहां उनकी आरती के साथ कार्यक्रम की शुरुआत होगी. महोत्सव के दौरान राम-जानकी विवाह की लीलाओं के साथ ही अन्य पौराणिक घटनाओं का भी मंचन किया जाएगा. इसके अलावा, कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से भगवान राम के चरित्र और उनकी महानता को प्रस्तुत किया जाएगा.
रिपोर्ट: विनीत दुबे, आगरा
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)