Hariyali Teej 2024: हरियाली तीज पर तीज माता को तीन चीजें गलती से भी चढ़ाने से व्रत खंडित हो सकता है. माता पार्वती क्रोधित हो सकती है. ये तीन चीजें तीज पर घर में लाना भी अशुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि घर परिवार बर्बाद हो जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार हरियाली तीज का व्रत भगवान शिव और महापर्वती के पुनर्मिलन के पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस व्रत को लेकर देश के अलग अलग स्थानों पर और अलग अलग राज्यों में तरह तरह के नियम हैं. इन व्रतों का पालन अवश्य करना चाहिए. जो सुहागिन महिलाएं सच्चे हृदय से हरियाली तीज का पावन पर्व मनाती है तो उसे सात जन्मों तक का साथ मिल जाता है. ऐसे प्रेमी जोड़ों को स्वर्ग में स्थान मिलता है. हरियाली तीज पर जितना आप हरे रंग का दान करेंगे उतनी ही मां पार्वती की कृपा प्राप्त होगी. घर में माता लक्ष्मी का वास होगा. सुख समृद्धि से भरपूर आपका जीवन और खूबसूरत हो जाएगा.
हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त
इस साल सावन माह शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ 6 अगस्त को शाम 7:52 पर होगा और अगले दिन यानी 7 जुलाई 2024 को रात 10:06 पर समाप्त होगा. इसलिए उदयातिथि के अनुसार 7 अगस्त को ही हरियाली तीज मनाई जाएगी.
शिव योग का हरियाली तीज के दिन निर्माण होगा. सुबह 11:41 से लेकर अगले दिन तक शिव योग का रहेगा. ऐसे में आपकी पूजा बहुत ही शुभ और मंगलकारी होगी.
तीज माता को तीन चीजें कभी मत चढ़ाना
- तीजो पर माता रानी को श्रृंगार अर्पित किया जाता है तो ऐसे में माता को खंडित श्रृंगार कभी अर्पित नहीं करना चाहिए. हमेशा ध्यान से देख ले जो श्रृंगार आप माता रानी को चढ़ाने वाले हैं वो खराब नहीं होना चाहिए. श्रृंगार आप बाजार से नया खरीद कर ही माता को अर्पित करें. मां गौरी को श्रृंगार अर्पित करने से महिलाओं को सौभाग्यवती का वरदान प्राप्त होता है.
- हरियाली तीज पर तीज माता को सफेद रंग का फूल कभी अर्पित नहीं करना चाहिए. मां गौरी को गुलाब का फूल अति प्रिय है. गुलाब का फूल अर्पित करने से मां बड़ी प्रसन्न होती है और आपके घर में सुख समृद्धि हमेशा के लिए बनी रहती है.
- हरियाली तीज पर जब आप अपनी सास और ननंद के लिए जो थाली सजाने वाले हैं उसके अंदर सफेद कपड़ा रखकर उपहार में नहीं देना चाहिए. अगर घर में कोई बड़ा नहीं है तो आप उनके नाम से थाली निकालकर किसी बुजुर्ग महिला को दान में दे सकते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)