Radha-Krishna Story: आज विश्वभर में धूमधाम से कृष्ण जन्माष्टमी मनायी जा रही है. राधा रानी के साथ भगवान श्रीकृष्ण के प्रेम की कहानी सदियों से प्रचलित है. प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार श्रीकृष्ण और राधा का प्रेम अलौकिक है. आज भी लोग प्रभु कृष्ण से पहले राधा जी का नाम लेते हैं. किसी भी कृष्ण मंदिर में कृष्ण जी की मूर्ति के साथ राधा रानी की मूर्ति भी स्थापित की जाती है. युगों युगों से इनकी प्रेम कहानी ने लोगों को प्रेरणा दी है. अगर आप भी किसी से अमर प्रेम करते हैं तो आप भगवान श्रीकृष्ण और राधा के इस प्रेम प्रसंग को समझ पाएंगे.
श्रीकृष्ण और राधा की अमर प्रेम कथा
एक और कथा के अनुसार, राधा श्रीकृष्ण से पांच वर्ष बड़ी थीं. जब राधा ने पहली बार श्रीकृष्ण को देखा, तब वे यशोदा मैया द्वारा उखल से बंधे हुए थे. कुछ कहते हैं कि राधा अपने पिता वृषभानु के साथ गोकुल आई थीं और वहीं उनकी पहली मुलाकात श्रीकृष्ण से हुई थी. पहली ही नजर में राधा श्रीकृष्ण के प्रेम में पड़ गईं और श्रीकृष्ण भी राधा से मोहित हो गए.
राधा और श्रीकृष्ण के प्रेम की चर्चा गांव में फैलने लगी. समाज के दबाव में राधा का घर से निकलना बंद कर दिया गया. ऐसा कहा जाता है कि ये सब देखने के बाद श्रीकृष्ण ने अपनी माता यशोदा से राधा से विवाह करने की इच्छा जताई. लेकिन, यशोदा मैया ने कहा कि राधा तुमसे उम्र में बड़ी हैं और उनका विवाह किसी अन्य से तय हो चुका है. फिर भी श्रीकृष्ण विवाह की जिद्द करने लगे.
नंद बाबा, श्रीकृष्ण को गर्ग ऋषि के पास ले गए. गर्ग मुनि ने श्रीकृष्ण को उनके विशेष लक्ष्य के बारे में बताया और यह भी बताया कि वे देवकी और वासुदेव के पुत्र हैं. श्रीकृष्ण को यह जानकर अपने असली स्वरूप और अपने धर्म की स्थापना के उद्देश्य का भान हुआ. इसके बाद श्रीकृष्ण ने मथुरा जाने का निर्णय लिया और राधा से विवाह नहीं किया.
श्रीकृष्ण और राधा का प्रेम समय की सीमाओं से परे था. यह प्रेम न केवल उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा बना, बल्कि यह संसार के प्रेमियों के लिए एक अमर उदाहरण बन गया. अगर आप भी किसी से प्रेम करते हैं और विवाह नहीं हो पाता है, तो निराश न हों. प्रेम को अपने हृदय में हमेशा संजो कर रखें, जैसे श्रीकृष्ण ने किया था. श्रीकृष्ण और राधा की कहानी प्रेम की शक्ति और उसकी अमरता का प्रतीक है. उनका प्रेम इस बात को सिद्ध करता है कि प्रेम केवल भौतिक संबंधों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक आत्मिक और शाश्वत अनुभव है.
यह भी पढ़ें: Geeta Updesh: भगवान कृष्ण का संदेश क्या है? जीवन बदल देंगे गीता के ये उपदेश
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)