Padmini Ekadashi 2020 : 18 सितंबर से अधिक मास (Adhik Maas) शुरू हो चुका है, जो 16 अक्टूबर तक रहेगा. अधिक मास में पद्मिनी एकादशी का व्रत का बड़ा महत्व है, जो भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है. हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पद्मिनी एकादशी कहते हैं. महाभारत में श्रीकृष्ण ने स्वयं युधिष्ठिर और अर्जुन को इस एकादशी व्रत की महिमा के बारे में बताया था. पंचांग के अनुसार, इस बार पद्मिनी एकादशी का व्रत 27 सितंबर 2020 को किया जाएगा.
पद्मिनी एकादशी को लेकर एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है. इस कथा के अनुसार, त्रेतायुग में कीतृवीर्य नाम के राजा थे. उनकी कई रानियां थीं लेकिन कोई संतान नहीं था. इस कारण राजा और रानियां दुखी रहती थीं. किसी महर्षि ने राजा को सलाह दी कि वे अपनी रानियों के साथ संतान प्राप्ति के लिए कठोर तप करें. इसके बाद राजा ने वर्षों तक कठोर तपस्या की. कठोर तपस्या के कारण राजा कंकाल की तरह दिखने लगे. इसके बाद भी राजा को तप का फल नहीं मिला. एक दिन राजा की एक रानी ने देवी अनुसूया से इसका उपाय पूछा.
देवी अनुसूया ने रानी को पुरुषोत्तम मास यानि अधिक मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी का व्रत करने की सलाह दी. व्रत की समाप्ति पर भगवान प्रकट हुए और वरदान दिया. कुछ समय बाद रानी ने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम कार्तवीर्य अर्जुन रखा गया. कार्तवीर्य अर्जुन आगे चलकर पराक्रमी राजा बना और एक समय रावण को भी बंदी बना लिया था.
पद्मिनी एकादशी 2020 का शुभ मुहूर्त : एकादशी तिथि 27 सितंबर सुबह 06:12 बजे से प्रारंभ हो रही है और 28 सितंबर सुबह 08:00 बजे समाप्त होगी. इस व्रत का परायण 28 सितंबर को सुबह 06:41 बजे से लेकर 08:09 बजे तक किया जा सकता है.
Source : News Nation Bureau