Pakistan Hindu Mandir: जब से पाकिस्तान का गठन हुआ है वहां हिंदू मंदिरों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है. पाकिस्तान हिंद राइट्स के अनुसार, साल 1947 के बंटवारे के दौरान पाकिस्तान में लगभग 428 हिंदू मंदिर थे. लेकिन आज उनकी संख्या बहुत कम हो गई है. बंटवारे के बाद वहां के 428 मंदिरों में से 408 को स्कूल, होटल या मदरसे में बदल दिया गया. आइए जानते हैं अब पाकिस्तान के कितने हिंदू मंदिर बचे हैं.
पाकिस्तान के कितने हिंदू मंदिर बचे हैं?
एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में केवल 22 मंदिर ही बचे हैं. इनमें से सबसे अधिक 11 मंदिर सिंध प्रांत में हैं, जबकि पंजाब और पख्तूनख्वा में 4-4 और बलूचिस्तान में 3 मंदिर ही बचे हैं. पाकिस्तान के कुछ मंदिरों को नष्ट कर दिया गया है या उनका इस्तेमाल दूसरे कार्यों के लिए किया जा रहा है. जैसे - कालीबाड़ी मंदिर की जगह पर दारा इस्माइल खान ने ताजमहल होटल बना दिया है. इसी तरह, कोहाट में बने शिव मंदिर में अब एक स्कूल चलाया जा रहा है. इसके अलावा, पख्तूनख्वा के मंदिरों को भी पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है.
पाकिस्तान में खुदाई में मिला था 1300 साल पुराना मंदिर
हालांकि, कुछ मंदिर पुरातात्विक खोजों के जरिए भी सामने आए हैं. साल 2020 में पाकिस्तान के स्वात जिले में पुरातत्व विभाग के एक समूह ने 1300 साल पुराना भगवान विष्णु का मंदिर खोजा था. इस खोज में पाकिस्तान और इटली के विशेषज्ञ शामिल थे. इस तरह के मंदिरों की खोज से यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान की धरती पर हिंदू धर्म का एक गहरा इतिहास रहा है.
पाकिस्तान में हिंदू आबादी और त्योहार
एक सर्वे के अनुसार, पाकिस्तान में करीब 38 लाख हिंदू निवास करते हैं, जो कि 24 करोड़ की आबादी का एक छोटा हिस्सा है. फिर भी, वहां हिंदू त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाए जाते हैं. दिवाली, करवा चौथ, शिवरात्रि, दशहरा, होली और नवरात्रि जैसे पर्वों पर हिंदू समुदाय एकत्र होकर भजन-कीर्तन, भंडारा और अन्य धार्मिक अनुष्ठान आयोजित करता है. इन त्योहारों के माध्यम से हिंदू समुदाय अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को संजोए रखता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)