Panchak 2023: आज फाल्गुन अमावस्या है. इस दिन का बेहद खास महत्व होता है. इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध किया जाता है. अब ऐसे में आज से पंचक की शुरुआत हो गई है, जो पांच दिनों तक रहेगा. ज्योतिष शास्त्र में पंचक को अशुभ माना जाता है. इस दिन शुभ कार्य करने की मनाही होती है. आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे की पंचक अशुभ क्यों माना जाता है, साथ ही इस दिन कौन से शुभ काम करने की मनाही होती है.
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पंचक क्यों अशुभ माना जाता है
पंचक को अशुभ काल माना जाता है. पंचक काल के दौरान ऐसी मान्यता है कि जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसके घर के सदस्यों पर मृत्यु का संकट मंडराते रहता है. लेकिन सभी पंचक अशुभ नहीं होता है. रविवार को शुरु होने वाला पंचक रोग पंचक कहलाता है. इस पंचक को बेहद अशुभ माना जाता है. पंचक भी पांच प्रकार के होते हैं, जो अशुभ भी होते हैं और शुभ भी होते हैं. वहीं सोमवार के दिन शुरु होने वाला पंचक राज पंचक कहलाता है. इस दिन अगर आप कोई शुभ काम कर रहे हैं, तो आपको उसमें सफलता जरूर मिलती है. अगर पंचक मंगलवार के दिन शुरु हुआ है, तो उसे अग्नि पंचक कहा जाता है. इस समय अगर कानून से जुड़े मामलों में सफलता मिलती है. अगर पंचक शनिवार के दिन शुरु हुआ है, तो ये पंचक मृत्यु और दुर्घटना लेकर आता है. शुक्रवार के दिन शुरु होने वाले पंचक को चोर पंचक कहा जाता है. इस दिन अगर आप विशेष कार्य करने की सोच रहे हैं, तो टाल दें, इससे धन-धान्य में कमी आती है.
पंचक के दौरान भूलकर भी न करें ये काम
पंचक के दौरान विवाह, मुंडन और कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए. अगर आप किसी को व्यापार के लिए पैसे उधार दे रहे हैं, तो उससे बचें. लेकिन अगर जरूरी है, तो पहले मां लक्ष्मी की पूजा जरूर करें. अगर पंचक के दौरान किसी की मृत्यु हो जाती है, तो दाह संस्कार के समय आटे, बेसन और कुश से बने 5 पुतले बनाकर मृतक के साथ उनका भी अंतिम संस्कार कर दें. अगर पंचक के समय किसी व्यक्ति को दक्षिण दिशा में यात्रा करनी है, तो हनुमान जी की पूजा करके ही निकलें. उन्हें फलों का भोग लगाएं. तभी घर से निकलें.