मां भगवती की साधना के साथ-साथ समाज की सेवा करते सच्चे साधक, पवित्र सूर्य कुण्डली के रचयिता (Pavitra Suarya Kundali), बेहतरीन मोटिवेटर (Motivator), मां भगवती व शिव के भजनों (Maa Bhagwati Bhajans) से दुनिया को मंत्रमुग्ध कर देने वाले पारस परिवार के मुखिया श्री पारस भाई जी (Paras Bhai Ji) ने मां भगवती का शक्ति पाठ महिषासुर मर्दिनी इतने भाव से गाया कि जिसे सुन स्वयं लगता है कि आप भगवती के सामने खड़े हैं और भगवती की कृपा वर्षा ऊपर झमाझम बरस रही है.
अगर आप खुद उस शक्ति पाठ का आनंद लेना चाहते हैं तो आप पारस परिवार (Paras Parivaar) के यूट्यूब चैनल (Youtube) पर जाकर महिषासुर मर्दिनी (Mahishasurmardini) पाठ देख और सुन सकते हैं. जब देवतुल्य श्री पारस भाई जी (Paras Bhai Ji) के मुखमण्डल से अयि गिरिनन्दिनी पाठ के श्लोक निकलते हैं तो स्वयं उस शक्ति का महसूस होना पता चलता है.
श्री पारस भाई जी कहते हैं कि हर घर में महिषासुर मर्दिनी का पाठ होना चाहिए. हम सभी शक्ति की संताने हैं और इसका अहसास ही सनातन की परम्पराओं को जीवित कर देता है. महिषसुरमर्दिनी दुर्गा मां का वह रूप है जो मुश्किल में फंसे मानव, देवताओं यहां तक त्रिदेव तक का उद्धार करता है. तो वो हमारे समाज एवं देश को कहा पहुंचा सकता है, इसलिए हम सभी को केवल शक्ति की ही उपासना करनी चाहिए. क्योंकि शक्ति ही सनातन का उद्गम है, क्योंकि जब तक शक्ति है तब तक जीवन है. जब शक्ति नहीं रहती तब कुछ नहीं रहता.
आगे जानने पर पता चला कि श्री पारस भाई जी की एक धार्मिक पुस्तक “महिषासुर को मारने वाली सदा तेरी जय जय होवे” भी आने वाली है, जिसमें श्री पारस भाई जी ने देवी भागवत एवं दुर्गा सप्तशती के कई महत्वपूर्ण श्लोकों को आसान हिंदी की कविताओं में संग्रहित किया है, जिसे पढ़ सुनकर हमें अपने गौरवशाली सनातन पर अभिमान हो, क्योंकि शक्ति ही कल्याणकारी है और आज के इस समय पर जब भारत मां के विरोधी चाहे चाइना हो, चाहे पाकिस्तान या फिर तुर्की. सभी हर तरह की चाले चलकर देश का नुकसान करना चाहते हैं तो ऐसे में तो शक्ति की उपासना और भी जरूरी हो जाती है.
उन्होंने आगे कहा कि क्योंकि शक्ति होगी तभी तो सामर्थ पैदा होगा. सामर्थ होगा तभी तो कोई हमारा अहित नहीं कर पाएगा, इसलिए हर तरह की लड़ाई को जीतने के लिए चाहिए केवल शक्ति, केवल शक्ति और केवल शक्ति. क्योंकि शक्ति ने ही महिषासुर का नाश किया और शक्ति से ही हम दानव को काबू करते हैं. इसलिए पहले आदत बनाए अपने अस्तित्व को जानने के लिए, लौटे अपने सनातन के ओर, मां शक्ति की उपासना करें और घर-घर महिषासुर मर्दिनी का प्रचार हो.
Source : News Nation Bureau