Advertisment

Parikrama ke Niyam: कितनी बार करनी चाहिए देवी-देवताओं की परिक्रमा? यहां जानें सही नियम

Parikrama ke Niyam: भगवान की परिक्रमा करने के कई नियम भी है. अध्यात्म और विज्ञान दोनों में ही इसके महत्व को बताया गया है. ऐसे में आइए जानते हैं भगवान की परिक्रमा क्यों की जाती है. इसके साथ ही जानिए कितनी बार परिक्रमा करनी चाहिए.

author-image
Sushma Pandey
New Update
Parikrama ke Niyam

Parikrama ke Niyam( Photo Credit : social media )

Advertisment

Parikrama ke Niyam: हिन्दू धर्म में भगवान की पूजा का काफी महत्व माना जाता है. लोग देवी-देवताओं को खुश करने के लिए नियमित रूप से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं.  वहीं आपने अक्सर देखा होगा कि पूजा के बाद लोग भगवान की परिक्रमा करते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि परिक्रमा क्यों की जाती है और इससे क्या फायदा होता है? दरअसल भगवान की परिक्रमा करने के कई नियम भी है. अध्यात्म और विज्ञान दोनों में ही इसके महत्व को बताया गया है. ऐसे में आइए जानते हैं भगवान की परिक्रमा क्यों की जाती है. इसके साथ ही जानिए कितनी बार परिक्रमा करनी चाहिए. 

क्या है पौराणिक मान्यता?

आपने वो पौराणिक कथा तो सुनी ही होगी. जब भगवान शिव के दोनों पुत्र कार्तिकेय और गणेश के बीच ये शर्त लगी थी कि ब्रह्मांड का चक्कर पहले कौन लगाकर वापिस आता है. उस वक्त कार्तिकेय तो अपने वाहन मयूर पर सवार होकर ब्रह्मांड यात्रा पर चले गए थे, लेकिन गणेश जी ने माता पार्वती और भगवान शिव की परिक्रमा करके इस शर्त को जीत लिया था. गणेश जी ने कहा था कि उनके लिए उनके माता-पिता ही पूरे संसार के बराबर हैं और उन्हीं के चरणों में उन्हें सुख की प्राप्ति होती है. तभी से परिक्रमा करने की प्रथा शुरू हुई है. 

परिक्रमा के फायदे 

पूजा के बाद भगवान की परिक्रमा करना बहुत शुभ माना जाता है. दरअसल इसके कई फ़ायदे भी है. भगवान की परिक्रमा करने से सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है और उनका आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.  परिक्रमा करने के बाद जब व्यक्ति वापिस घर लौटता है तो इससे उसके सभी कष्ट और नकारत्मक ऊर्जा खत्म होती है. इसके साथ ही परिक्रमा करने से घर में सुख शांति भी आती है और व्यक्ति को किसी भी प्रकार की तंगी नहीं आती. इससे उसके जीवन में भाग्य का उदय होता है और भरपूर लाभ मिलता है. 

परिक्रमा के सही नियम 

भगवान की परिक्रमा करने से चाहे कई लाभ मिलते हो, लेकिन परिक्रमा करने के कुछ नियम भी बताए गए हैं. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान की प्रदक्षिणा हमेशा घड़ी की दिशा में लगानी चाहिए. इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि प्रदक्षिणा की संख्या हमेशा विषम होनी चाहिए यानि कि हमेशा 1,3,5 की संख्या में परिक्रमा करनी चाहिए, जोड़े में परिक्रमा नहीं करनी चाहिए और जब भी आप परिक्रमा करें तो भगवान का ध्यान जरूर करना चाहिए और उनका नाम जपना चाहिए.

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

Religion News in Hindi Religion News Religion Parikrama ke Niyam Parikrama ke Niyam in hindi parikrama astro tips
Advertisment
Advertisment
Advertisment