Parivartani Ekadashi 2022 Puja Vidhi, Mahatva aur Vrat Paranm Samay: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. एक महीने में दो एकादशी तिथि होती है, इस तरह एक साल में कुल 24 एकादशी तिथि आती हैं. इनमें से हर तिथि का अपना अलग नाम और महत्व है. इस बार 6 सितंबर, दिन मंगलवार को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी पड़ने जा रही है. जिसे परिवर्तिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इसके अतिरिक्त, इस एकादशी के दो अन्य नाम और भी हैं: जलझूलनी एकादशी एवं पद्म एकादशी. इतना ही नहीं, कुछ जगहों पर इसे डोल ग्यारस भी कहते हैं. परिवर्तनी एकादशी के अवसर पर आइए जानते हैं पूजा विधि, महत्व और व्रत पारण समय के बारे में.
परिवर्तनी एकादशी 2022 पूजा विधि (Parivartani Ekadashi 2022 Puja Vidhi)
- परिवर्तिनी एकादशी व्रत का नियम पालन दशमी तिथि यानी कि 5 सितंबर 2022 की रात से ही शुरू करें.
- इसके बाद एकादशी की सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें.
- इसके बाद घर में किसी साफ स्थान पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें
- भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं.
- पंचामृत से पश्चात भगवान श्री हरी विष्णु को गंगाजल से स्नान कराएं.
- भगवान के चरणों से निकला चरणामृत खुद भी पिएं और परिवार के सदास्यों में भी बातें.
- श्री हरी विष्णु को गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य आदि पूजन सामग्री अर्पित करें.
- विष्णु सहस्त्रनाम का जाप अवश्य करें.
- परिवर्तनी एकादशी पर भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा होती है. अतः इस एकादशी पर वामन कथा अवश्य सुनें.
- इस एकादशी की कथा सुनने से वाजपेई यज्ञ का फल प्राप्त होता है.
- एकादशी के दिन भगवान वामन की मूर्ति के समीप हो सोएं.
- अगले दिन द्वादशी तिथि यानी कि 7 सितंबर, बुधवार को वेदपाठी ब्राह्मणों को भोजन कराएं.
- सभी ब्राह्मणों को दान दें एवं उनका आशीर्वाद लें.
परिवर्तनी एकादशी 2022 महत्व (Parivartani Ekadashi 2022 Mahatva)
परिवर्तनी एकादशी पर भगवान विष्णु के वामन स्वरूप की पूजा की जाती है. मान्यता है कि परिवर्तनी एकादशी के व्रत करने मात्र से वाजेय यज्ञ के समान फल मिलता है. साथ ही इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से ब्रम्हा विष्णु सहति तीनों लोकों के देवता के पूजन का फल मिलता है.
परिवर्तनी एकादशी 2022 व्रत पारण समय (Parivartani Ekadashi 2022 Vrat Paran Samay)
जो लोग 6 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी व्रत रखेंगे वो 7 सितंबर के दिन व्रत का पारण कर सकते हैं. साथ ही इस दिन पारण का समय सुबह 8 बजकर 18 मिनट से सुबह 8 बजकर 32 मिनट तक रहने वाला है.