Parivartani Ekadashi 2022 Khaas Baatein: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की परिवर्तिनी एकादशी 6 सितंबर 2022, दिन मंगलवार को पड़ रही है. मान्यता है कि परिवर्तिनी एकादशी पर व्रत रखकर भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करने से घर में खुशहाली आती है, तनाव से मुक्ति मिलती है, जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं और शत्रु भी घुटनों के बल आ जाते हैं. परिवर्तिनी एकादशी को जलझूलनी एकादशी एवं पद्म एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इतना ही नहीं, कुछ जगहों पर इसे डोल ग्यारस भी कहते हैं. परिवर्तनी एकादशी से जुड़ी कुछ बेहद ही खास बातें हैं जिनके पीछे का रहस्य जान आप भी हैरान हो जाएंगे. ऐसे में चलिए जानते हैं उन रहस्यों के बारे में.
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परिवर्तनी एकादशी 2022 खास बातें (Parivartani Ekadashi 2022 Special Things)
- इस एकादशी पर भगवान विष्णु करवट लेते हैं इसी कारण से इसे परिवर्तिनी एकादशी कहते हैं. माना जाता है कि भले ही भगवान विष्णु निद्रा अवस्था में करबट लेते हैं लेकिन उनके ऐसा करने से व्यक्ति का जीवन और उसका भाग्य भी उसके द्वारा किये गए कर्मों के अनुसार परिवर्तित होने लगता है.
- अर्थात जिस व्यक्ति ने आध्यात्मिक आचरण अपनाते हुए खूब महनत की हो उसे उसकी उस महनत का फल मिलने लगता है और उसका जीवन उन्नति की ओर बढ़ता है. वहीं, जिस व्यक्ति ने बुरे आचरण को अपनाते हुए अब तक जिस जिस के साथ बुरा किया होगा उसे उसके बुरे कर्मों के फल मिलने लग जाते हैं.
- इसके अलावा, परिवर्तनी एकादशी पर श्री कृष्ण का एक खास रूप में पूजन किया जाता है जो 'जलवा पूजन' के नाम से प्रसिद्द है. मगर कुछ ही क्षेत्रों में इस पूजन का विधान है. मान्यता है कि, श्री कृष्ण के इस पूजन से न सिर्फ उनकी कृपा सदैव भक्तों पर बनी रहती है बल्कि जीवन में सभी कार्य सफलपूर्वक संपन्न होते हैं.
- परिवर्तनी एकादशी पर यूं तो भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है लेकिन माना जाता है कि भगवान विष्णु के साथ साथ माता लक्ष्मी की पूजा से घर में सुख समृद्धि का वास होता है और कभी भी धन धान्य की कमी नहीं होती. इसके अतिरिक्त, मां लक्ष्मी की कृपा से व्यक्ति का समाज में मान सम्मान भी बढ़ता है.
- कहा जाता है कि यूं तो एकादशी पर व्रत जरूर करना चाहिए लेकिन अगर नहीं रख पा रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि इस दिन गरीबों या जरूरतमंदों को कुछ दान अवश्य करें. अगर दान की वस्तु में अनाज या वस्त्र हो तो ये और भी पुण्यकारी होगा.
- भगवान विष्णु को तुलसी चढ़ाना बहुत ही उत्तम माना जाता है. तुलसी भगवान विष्णु को अति प्रिय है ऐसे में अगर आप उन्हें जो भी भोग लगाएं उसमें तुलसी डालते हैं तो आप भी भगवान विष्णु के साथ साथ तुलसी माता की भी कृपा बरसाती है. इसके अतिरिक्त, तुलसी माता के प्रभाव से घर में नकारात्मकता प्रवेश नहीं कर पाती है.
परिवर्तनी एकादशी 2022 स्नान- दान का महत्व (Parivartani Ekadashi 2022 Snaan Daan Mahatva)
भाद्रपद एकादशी का विशेष महत्व होता है. इस दिन गंगा स्नान और पानी में तिल मिलाकर स्नान करने का विशेष महत्व होता है. दान करने से सदा ही व्यक्ति के ऊपर भगवान की कृपा बनी रहती है. इस दिन कपड़ों का दान करना चाहिए. साथ ही गरीबों को भोजन जरूर कराना चाहिए.