Parshuram Jayanti 2024: परशुराम जयंती हिंदू कैलेंडर के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. यह भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है. 2024 में, परशुराम जयंती 10 मई को मनाई जाएगी. परशुराम जयंती का महत्व कई कारणों से है. यह भगवान परशुराम के जन्म का उत्सव है, जिन्हें भगवान विष्णु के छठे अवतार के रूप में जाना जाता है. परशुराम को एक महान योद्धा और ब्राह्मण के रूप में जाना जाता है. उन्होंने पृथ्वी को क्षत्रियों से मुक्त करने के लिए 21 बार पृथ्वी पर अवतार लिया. परशुराम जयंती को बुराई पर अच्छाई की जीत के उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है.
2024 में परशुराम जयंती का शुभ मुहूर्त:
स्नान का मुहूर्त: सुबह 5:23 बजे से 6:22 बजे तक
पूजा का मुहूर्त: सुबह 8:16 बजे से 9:31 बजे तक
अपराह्न का मुहूर्त: दोपहर 12:12 बजे से 1:07 बजे तक
पूजा विधि
सुबह: सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. भगवान परशुराम की पूजा करने का संकल्प लें. पूजा स्थल पर एक दीपक जलाएं और पूजा स्थल पर आसन बिछाकर बैठ जाएं. पूजा की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा से करें. एक कलश स्थापित करें और उसमें जल भरें. नारियल, मौली, रोली, चंदन और सुपारी से कलश को सजाएं. भगवान परशुराम का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें. पवित्र जल से आचमन करें.
भगवान परशुराम को पवित्र जल, दूध, घी, शहद और फूलों से स्नान कराएं और इसते बाद उन्हें वस्त्र, आभूषण, अक्षत, पुष्प, धूपदीप और नैवेद्य अर्पित करें. भगवान परशुराम की आरती उतारकर अपनी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें. ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दक्षिणा दें.
दोपहर: इस दिन दोपहर के समय भगवान परशुराम की कथा का पाठ करना या सुनना लाभकारी होता है. इसके अलावा आप इस दिन दान-पुण्य करें.
शाम: भगवान परशुराम की आरती उतारें और प्रसाद ग्रहण करें.
कहां मनायी जाती है परशुराम जयंती?
परशुराम जयंती को पूरे भारत में बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है. इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और भगवान परशुराम की पूजा करते हैं. मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है. लोग भगवान परशुराम को फूल, फल और मिठाई चढ़ाते हैं. इस दिन लोग गरीबों और जरूरतमंदों को दान भी देते हैं.
महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में परशुराम जयंती को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. पालघर जिले के त्र्यंबकेश्वर में स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर इस दिन का मुख्य केंद्र होता है.
गुजरात: गुजरात में भी परशुराम जयंती बड़े पैमाने पर मनाई जाती है. राज्य के कई शहरों में भगवान परशुराम की शोभायात्रा निकाली जाती है.
हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश में भी परशुराम जयंती धूमधाम से मनाई जाती है. राज्य के कई मंदिरों में इस दिन विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है.
पूजा पूरे विधि-विधान के साथ और श्रद्धाभाव से करें. पूजा स्थल को स्वच्छ रखें. मन में किसी भी प्रकार के कुविचार न रखें. भगवान परशुराम से अपनी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें. गरीबों और जरूरतमंदों को दान दें. भगवान परशुराम के जीवन और शिक्षाओं के बारे में पढ़ें. परशुराम जयंती के अवसर पर आयोजित होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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Source : News Nation Bureau