Ganesh Chaturthi 2024: हर साल की तरह इस साल भी बप्पा के स्वागत की तैयारियां देशभर में जोरों शोरों से हो रही हैं. गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा के जिस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करके उन्हे स्थापित किया जाता है उसे शाडू मिट्टी से बनाते हैं. सदियों से शाडू मिट्टी से गणेश जी की मूर्तियां बनाई जाती रही हैं। यह एक पारंपरिक कला है और इससे जुड़े कई धार्मिक मान्यताएं हैं। हिंदू धर्म में शाडू मिट्टी को शुद्ध और पवित्र भी माना जाता है। पटना में गणेश चतुर्थी की इस बार ऐसी खास तैयारियां हो रही हैं जिसकी चर्चा अभी से शुरू हो चुकी है. महाराष्ट्र मंडल की ओर से इस साल एक भव्य आयोजन किया जाएगा। भगवान गणेश की प्रतिमा के साथ पंडाल को भी बेहद खास तरीके से सजाया जाएगा। मूर्ति मुंबई के प्रसिद्ध लालबाग के राजा की तरह होगी, जिसे मुंबई से ही मंगाया जा रहा है। भगवान गणेश को 30 लाख रुपये का स्वर्ण और हीरे जड़ित मुकुट पहनाया जाएगा।
राम मंदिर की तर्ज पर बनेगा पंडाल
महाराष्ट्र मंडल के सचिव संजय भोंसले ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 7 से 13 सितंबर तक पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाएगी। 5 सितंबर को मुंबई से 6 फीट ऊंची मूर्ति पटना लाई जाएगी, जिसकी प्राण-प्रतिष्ठा 7 सितंबर को होगी। भगवान गणेश की यह मूर्ति खासतौर पर शाडू मिट्टी से बनाई जा रही है। इस बार पूजा पंडाल का निर्माण अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर किया जाएगा और इसकी ऊंचाई 26 फीट होगी।
35 प्रकार के फूल और डेकोरेशन पर खर्च होंगे करोड़ों रुपय
साल 2024 में गणेश चतुर्थी के लिए पटना में जो पंडाल सजाया जा रहा है उसकी सजावट के लिए इंदौर के चंदन नगर से कारीगर बुलाए गए हैं। कोलकाता से विशेष कारीगरों द्वारा पंडाल की फूलों से सजावट की जाएगी। पंडाल की सजावट में फूलों की बात करें तो इसमें गुलाब, गेंदा, चमेली, गुलदाउदी, ऑर्किड, जिप्सी, सनफ्लावर जैसे 35 प्रकार के फूलों का उपयोग किया जाएगा। इन फूलों को विशेष रूप से कोलकाता और बेंगलुरु से मंगाया गया है।
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)