Budhwar Ke Upay: बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है. इस दिन विघ्नहरण गणेश की अगर आप सही विधि विधान से आरती करते हैं तो आपको इसका शुभ फल भी जरूर मिलता है. गणपति बप्पा को सुख समृद्धि और ज्ञान का देवता कहा जाता है. जीवन में तरक्की के लिए इनका आशीर्वाद होना बेहद जरूरी है. ऐसे में आप अगर हर दिन इनकी पूजा करते हैं और बप्पा की आरती उतारते हैं तो आपको आरती करने के नियमों के बारे में भी पता होना चाहिए. गणेश जी की पूजा विधि कैसे की जाती है सबसे पहले ये जानिए.
गणेश जी की पूजा से पहले: बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें
गणेश जी की पूजा से पहले: स्नान के बाद नए कपड़े या फिर साफ धुले हुए कपड़े पहनें. इस दिन हरे रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है.
पूजा की दिशा: अब आप पूर्व या उत्तर की तरफ मुख करके बैठकर पूजा शुरू करें.
पूजा सामग्री: भगवान गणेश को फूल, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली लाल, चंदन, मोदक, चावल, सुपारी, इलायची आदि का चढ़ाएं.
स्थान और समय: गणेश जी की आरती को प्रतिदिन एक ही स्थान और एक ही समय में करना उत्तम है. आप अच्छे वेलवेट, सिल्क, या कोई अन्य पूजा के लिए सामग्री से बनी चौकी पर बैठ सकते हैं.
ध्यान: पूजा शुरू करने से पहले गणेश जी का ध्यान करें और उनकी कृपा के लिए प्रार्थना करें.
आरती की थाली तैयार करें: आरती की थाली में दीपक, अर्पी, और कुछ पुष्प रखें.
आरती गाएं: आरती गाने से पहले धूप, दीप, और फूलों से आरती को सजाएं फिर आरती गाने लगें और थाली को गणेश जी की मूर्ति के आगे घुमाएं.
प्रार्थना और समापन: आरती के बाद, गणेश जी से अपनी मनोकामनाएं मांगें और उन्हें धन्यवाद अर्पित करें. पूजा को समाप्त करने के बाद प्रशाद बाँटें और उसे सभी को खिलाएं.
यह सामान्यत: गणेश जी की आरती का सामान्य तरीका है, लेकिन व्यक्ति अपनी आराधना में और भी विशेषताएं जोड़ सकता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
Source : News Nation Bureau