Pitru Paksha 2024 Fifth Shradh: कल है पञ्चमी श्राद्ध, जानें तर्पण का समय और पूजा विधि

Pitru Paksha 2024 Fifth Shradh: 2 अक्टूबर को पितृ पक्ष की अंतिम तिथि है. लेकिन उससे पहले हर दिन की तिथि पर आने वाले श्राद्ध का हिंदू धर्म में खास महत्व होता है. पांचवे श्राद्ध के दिन तर्पण का समय क्या है ये भी जान लें.

author-image
Inna Khosla
New Update
Pitru Paksha 2024 Fifth Shradh

Pitru Paksha 2024 Fifth Shradh

Advertisment

Pitru Paksha 2024 Fifth Shradh: पितृ पक्ष के 16 दिनों में हर दिन एक अलग तिथि के लिए श्राद्ध किया जाता है. पांचवा श्राद्ध, जैसा कि नाम से स्पष्ट है, पितृ पक्ष की पांचवीं तिथि को किया जाता है. इस दिन उन पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है जिनका निधन पांचवीं तिथि को हुआ था. पितृ पक्ष को श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है. मान्यता है कि पितृ दोष होने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. पांचवा श्राद्ध करने से पितृ दोष का निवारण होता है. पितरों का आशीर्वाद मिलता है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

पांचवे श्राद्ध का अनुष्ठान समय (Pitru Paksha 2024 Fifth Shradh)

वैदिक पंचांग के अनुसार पञ्चमी तिथि आज सितम्बर 21, 2024 को शाम 06:13 पी एम बजे से शुरू हो जाएगी जो सितम्बर 22, 2024 को 03:43 पी एम बजे तक रहेगी. पञ्चमी श्राद्ध रविवार, सितम्बर 22, 2024 को है. जिस लोगों के पूर्वजों का देहांत इस तिथि को हुआ हो वो इस दिन उनके नाम का श्राद्ध कर्म करते हैं. अनुष्ठान का समय क्या है आइए ये भी जान लें. 

  • कुतुप मूहूर्त - 11:49 ए एम से 12:38 पी एम
  • रौहिण मूहूर्त - 12:38 पी एम से 01:26 पी एम
  • अपराह्न काल - 01:26 पी एम से 03:52 पी एम

पांचवा श्राद्ध कैसे किया जाता है?

सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि पांचवीं तिथि कब है और उस दिन श्राद्ध अनुष्ठान का समय क्या है. अब ये जानकारी तो आपको मिल चुकी है. तो आगे श्राद्ध कर्म कैसे करना है ये विधि भी जान लें. आप एक पवित्र स्थान या घर में ही श्राद्ध कर सकते हैं. सबसे पहले पितरों को जल अर्पित करें. उनके लिए आपने जो भोजन बनाया है उसे किसी ब्राह्मण को उनके नाम से पूजा करवाकर खाने के लिए दें. मान्यता है कि जब पितरों का नाम लेकर ब्राह्मण भोजन करते हैं तो वो भोजन पितरों तक पहुंचता है. आप उस दिन अपने पितरों की पसंद का सात्विक भोजन बनाएं. ब्राह्मणों को भोजन करवाने के बाद आप गरीबों को दान दें. वेद मंत्रों का उच्चारण करें और हाथ जोड़कर अपने पितरों का ध्यान करते हुए उनसे आशीर्वाद लें. 

श्राद्ध करते समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए. उस दौरान मन में किसी भी प्रकार का द्वेष या ईर्ष्या नहीं रखना चाहिए. ब्राह्मणों को दक्षिणा देकर ही उन्हे विदा करें और श्राद्ध के दौरान पितरों के नाम का जाप जितना हो सके आप करें. पांचवा श्राद्ध हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है. श्राद्ध करने से न केवल पितरों की आत्मा को शांति मिलती है बल्कि हमें भी कई लाभ प्राप्त होते हैं.

यह भी पढ़ें: Sarva Pitru Amavasya: पितृ पक्ष के आखिरी दिन सर्वपितृ अमावस्या पर लगेगा सूर्य ग्रहण, जानें श्राद्ध कर्म करें या नहीं

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

यह भी पढ़ें: Sarva Pitru Amavasya: अगर पितरों की मृत्यु तिथि पता न हो तो श्राद्ध कब करें?

Religion News in Hindi pitru paksha Shradh Pitru Paksh pitru paksha shradh dates Shradha Karma importance of shradhh रिलिजन न्यूज Pitru Paksha 2024
Advertisment
Advertisment
Advertisment