Pitru Paksha 2024: अक्सर लोग अपने घर के मंदिर में भगवान की तस्वीरों या मूर्तियों के साथ-साथ पूजन सामग्री भी रखते हैं. लेकिन कई बार कुछ लोग मंदिर में ही अपने पूर्वजों की तस्वीरें भी रख लेते हैं. इससे यह सवाल उठता है कि क्या पूर्वजों की तस्वीरें घर के मंदिर में रखना सही है या कोई गलती हो रही है? इस सवाल का जवाब हमें वास्तु शास्त्र में मिलता है, जिसमें घर के मंदिर से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं. आइए जानते हैं वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मंदिर में पूर्वजों की तस्वीर रख सकते हैं या नहीं.
घर के मंदिर में पूर्वजों की तस्वीर रखना गलत क्यों है?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर में पूर्वजों या पितरों की तस्वीर रखना उचित नहीं माना गया है. पितरों का स्थान देवी-देवताओं से नीचे होता है. जब आप मंदिर में भगवान की मूर्तियों या तस्वीरों के साथ पितरों की तस्वीर भी रखते हैं, तो यह शुभ नहीं माना जाता है. इससे देवी-देवताओं नाराज हो सकते हैं.
पूर्वजों की तस्वीर रखने से लगता है वास्तु दोष
मंदिर में पूर्वजों की तस्वीर रखने से पितृ दोष का खतरा भी बढ़ सकता है. यह पितृ दोष आपके जीवन में समस्याएं और संकट ला सकता है। इसके अलावा, मंदिर में पितरों की तस्वीर रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है, जिससे परिवार के सदस्यों को मानसिक और शारीरिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
पितरों की तस्वीर कहां रखें?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्वजों की तस्वीर के लिए दक्षिण दिशा सबसे सही मानी गई है. इस दिशा में पितरों की तस्वीर रखने से उनके प्रति आदर भी प्रकट होता है और घर में सकारात्मकता भी बनी रहती है. वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार, घर के मंदिर में केवल देवी-देवताओं की मूर्तियां और तस्वीरें ही रखनी चाहिए. पूर्वजों की तस्वीरों के लिए अलग स्थान निर्धारित करना उचित होता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)