Signs Your Ancestors Are Happy: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से पितृपक्ष शुरू होती है और आश्विन माह की अमावस्या तक चलता है. इस साल पितृपक्ष की शुरुआत आज यानी मंगलवार, 17 सितंबर 2024 से हो रही है और इस तिथि का समापन बुधवार, 02 अक्टूबर 2024 को होगा. यह अवधि हमारे पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए खास माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि पूर्वजों के आशीर्वाद के बिना कोई भी कार्य सफल नहीं हो पाता है. वहीं, ज्योतिष की मानें तो अगर पितृपक्ष के दौरान आपको ये संकेत दिखाई दें तो समझें आपके पूर्वज आपसे बेहद प्रसन्न हैं. तो चलिए जानते हैं इन संकेतों के बारे में.
घर में पेड़-पौधों का हरा-भरा होना
पितृपक्ष के दौरान, अगर आपके घर में लगे पेड़-पौधे जो पहले मुरझा चुके थे, अचानक हरे-भरे और सुंदर नजर आने लगें, तो यह एक सकारात्मक संकेत माना जाता है. इसका मतलब यह हो सकता है कि आपके पितर आपसे बहुत खुश हैं और उनकी विशेष कृपा आप पर बनी हुई है. ऐसे में आपको पितरों की प्रसन्नता के लिए उनकी पूजा-अर्चना और विशेष उपाय करने चाहिए.
सपनों में पूर्वजों का दिखना
अगर पितृपक्ष के दौरान आपको सपने में अपने पूर्वज प्रसन्न नजर आते हैं, तो यह भी एक अच्छा संकेत होता है. ऐसा सपना आपके लिए तरक्की का प्रतीक हो सकता है. इस स्थिति में आपको अपने पूर्वजों की मुक्ति के लिए विशेष पूजा और हवन करना चाहिए.
आशीर्वाद प्राप्त करने के संकेत
पितृपक्ष में पितरों के निमित्त जरूरतमंदों और जानवरों को भोजन करवाना बहुत शुभ माना जाता है. यदि इस दौरान आपके घर की छत या खिड़की पर कौआ आकर भोजन ग्रहण कर लेता है तो इसे पितरों की प्रसन्नता का संकेत माना जाता है. इसी तरह, यदि कोई जानवर जैसे गाय, कुत्ता, बिल्ली, भैंस आदि आकर भोजन ग्रहण कर जाता है, तो यह भी पितरों के आशीर्वाद का संकेत है.
चींटियों का आना
अन्य दिनों में यदि घर में चींटियों का आना परेशानी का कारण बनता है, तो पितृपक्ष में काली चींटियों का घर में आना शुभ माना जाता है. इन्हें भगाने के बजाय आटा खिलाना चाहिए. यह भी पितरों की प्रसन्नता का एक संकेत हो सकता है. इन संकेतों को देखकर आप समझ सकते हैं कि आपके पितर आपसे कितने खुश हैं और उनकी कृपा आप पर बनी हुई है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)