Pitru Paksha 2024: आज है तीसरा श्राद्ध, जानें तर्पण का सही समय और पूजा विधि

Pitru Paksha 2024 Third Shradh: पितृ पक्ष में तीसरा श्राद्ध किस समय किया जाएगा, श्राद्ध तर्पण विधि क्या है ये सब जान लें.

author-image
Inna Khosla
एडिट
New Update
pitru paksha 2024 third Shraadh

pitru paksha 2024 third Shradh

Advertisment

Pitru Paksha 2024: पूर्वजों का श्राद्ध करके उन्हें शांति देने की परंपरा हिंदू धर्म में बेहद पुरानी है. इस पर्व में प्रत्येक तिथि का अपना अलग महत्व होता है और तीसरा श्राद्ध भी इनमें से एक है. मान्यता है कि तीसरे श्राद्ध के दिन पितर अपने वंशजों पर विशेष कृपा बरसाते हैं. इस दिन किए गए श्राद्ध से पितरों को संतुष्टि मिलती है और वे अपने वंशजों पर आशीर्वाद की वर्षा करते हैं. तीसरे श्राद्ध के दिन किए गए श्राद्ध से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है. अगर किसी व्यक्ति पर पितृ दोष है, तो तीसरे श्राद्ध के दिन किए गए श्राद्ध से यह दोष दूर होता है. परिवार में सुख-समृद्धि आती है और सभी सदस्यों का कल्याण होता है.

तीसरे श्राद्ध करने की पूजा विधि

तीसरा श्राद्ध पितृ पक्ष के तीसरे दिन किया जाता है. यह तिथि हर साल बदलती रहती है. तीसरे श्राद्ध के दिन पितरों का पिंडदान किया जाता है. तर्पण करके पितरों को जल अर्पित करते हैं और फिर ब्राह्मणों को भोजन भी करवाया जाता है. इसके बाद दान करना भी पुण्य का काम माना जाता है.  जिनके पितर का देहांत तीसरे दिन हुआ हो, उन्हें यह श्राद्ध करना चाहिए. किसी के पितर का देहांत तीसरे दिन नहीं हुआ हो, तब भी वे इस श्राद्ध में शामिल हो सकते हैं.

तीसरा श्राद्ध तर्पण का समय 

तृतीया श्राद्ध शुक्रवार, सितम्बर 20, 2024 को 12:39 ए एम बजे से शुरू हो रही है और सितम्बर 20, 2024 को 09:15 पी एम बजे तक रहेगी. 

  • कुतुप मूहूर्त - 12:07 पी एम से 12:56 पी एम 
  • रौहिण मूहूर्त - 12:56 पी एम से 01:45 पी एम
  • अपराह्न काल - 01:45 पी एम से 04:10 पी एम

तृतीया श्राद्ध को तीज श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है. पितृ पक्ष श्राद्ध पार्वण श्राद्ध होते हैं. इन श्राद्धों को सम्पन्न करने के लिए कुतुप, रौहिण आदि मुहूर्त शुभ मुहूर्त माने गये हैं. अपराह्न काल समाप्त होने तक श्राद्ध सम्बन्धी अनुष्ठान सम्पन्न कर लेने चाहिये. श्राद्ध के अन्त में तर्पण किया जाता है. तृतीया श्राद्ध परिवार के उन मृतक सदस्यों के लिए किया जाता है, जिनकी मृत्यु तृतीया तिथि पर हुई हो. इस दिन शुक्ल पक्ष अथवा कृष्ण पक्ष दोनों ही पक्षों की तृतीया तिथि का श्राद्ध किया जा सकता है. 

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Pitru Paksh Pitru Paksha 2024
Advertisment
Advertisment
Advertisment