Pitru Paksha Ninth Shradh: हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में पितृ पक्ष आता है जो अमावस्या तिथि तक चलता है. हिंदू धर्म में पितृ पक्ष के दौरान व्यक्ति अपने पितरों के नाम का श्राद्ध कर्म करते हैं और उनसे शांति और समृद्धि की कामना करते हैं. पितृ पक्ष को श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है. आज नवमी पितृ पक्ष तिथि पर उन पितरों के नाम का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु इस तिथि को हुई हो. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से पितरों को शांति मिलती है और वे अपने वंशजों पर आशीर्वाद बरसाते हैं. जिस पर व्यक्ति या परिवार पर उसके पितरों का आशीर्वाद होता है उन्हें जीवन में कभी कोई समस्या नहीं आती. अगर किसी व्यक्ति पर पितृ दोष है तो उन्हें इस दौरान उसके निवारण के उपाय भी करने चाहिए.
नौवें श्राद्ध का अनुष्ठान समय
नवमी तिथि सितम्बर 25, 2024 को 12:10 पी एम बजे से प्रारंभ हो रही है जो सितम्बर 26, 2024 को 12:25 पी एम बजे तक रहेगी. लेकिन नवमी का श्राद्ध आज ही किया जाएगा.
- कुतुप मूहूर्त - 11:48 ए एम से 12:37 पी एम
अवधि - 00 घण्टे 48 मिनट्स
- रौहिण मूहूर्त - 12:37 पी एम से 01:25 पी एम
अवधि - 00 घण्टे 48 मिनट्स
- अपराह्न काल - 01:25 पी एम से 03:49 पी एम
अवधि - 02 घण्टे 25 मिनट्स
पितृ पक्ष में क्या किया जाता है?
पितृ पक्ष में सबसे महत्वपूर्ण कर्मकांड पिंडदान होता है जिसमें पितरों के लिए तिल से बने पिंड चढ़ाए जाते हैं. इसके पश्चात तर्पण किया जाता है जिसमें कुश घास लगाकर जल से पितरों को अर्पित किया जाता है. श्राद्ध एक धार्मिक अनुष्ठान है जिसमें ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है और पितरों को श्रद्धांजलि दी जाती है. पितृ पक्ष के दौरान दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है. साथ ही, पितरों के नाम से हवन और यज्ञ करने से पितृ दोष की शांति होती है. इन दिनों में लोग शोक मनाते हैं, इसलिए शादी-ब्याह और अन्य शुभ कार्यों का आयोजन नहीं किया जाता. मांसाहार और मदिरा का सेवन वर्जित है, और इस अवधि में बाल कटवाना या नए वस्त्र खरीदना भी उचित नहीं माना जाता.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)