Planet Effects On Body Parts: नव ग्रहों की रहती है आपके शरीर के इन हिस्सों पर नजर, पल में बीमार तो पल में स्वस्थ का खेलते हैं खेल

Planet Effects On Body Parts: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों की दिशा और दशा व्यक्ति को स्वस्थ भी बना सकती है और उसे भयंकर बीमारियों की चपेट में भी ला सकती है.

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Gaveshna Sharma
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Planet Effects On Body Parts

नव ग्रहों की रहती है आपके शरीर के इन हिस्सों पर नजर( Photo Credit : Social Media, News Nation)

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Planet Effects On Body Parts: व्यक्ति के जीवन में ग्रहों का अपना एक प्रभाव होता है. ग्रहों का ये असर शुभ और अशुभ दोनों घटनाओं को जन्म देता है. लेकिन इन ग्रहों का असर सिर्फ व्यक्ति की जिंदगी पर ही नहीं बल्कि उसके शरीर पर भी पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहों की दिशा और दशा व्यक्ति को स्वस्थ भी बना सकती है और उसे भयंकर बीमारियों की चपेट में भी ला सकती है. इसलिए ऐसा कहा जाता है कि ग्रहों से जुड़ी समस्याओं का निवारण जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी कर लेना चाहिए. 

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सौरमंडल में 9 ग्रह हैं और इन 9 अलग अलग ग्रहों का व्यक्ति के शरीर के अलग अलग अंगों पर अलग अलग प्रभाव देखने को मिलता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि कौन सा ग्रह शरीर के किस अंग को प्रभावित करता है. ताकि ग्रह के दुष्प्रभाव से उत्पन्न हो रही उस अंग की समस्या का समाधान हो सके. 

सूर्य 
सूर्य का प्रभाव व्यक्ति के दिमाग पर पड़ता है. अगर सूर्य मेष राशि में उच्च हो तो शुभता प्रदान करता है और अगर तुला राशि में नीच हो तो अशुभ फल का भोगी बना देता है. सूर्य का सकारात्मक प्रभाव व्यक्ति की बुद्धि को तीव्र बनाने में सहायक होता है. 

चंद्र 
चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है. वृषभ राशि में चंद्रमा का उच्च स्थान व्यक्ति की इच्छा शक्ति को बढ़ावा देते हुए उसे सफलता की ओर ले जाता है. वहीं, वृश्चिक राशि में चंद्र का नीच स्थान व्यक्ति के मन को हमेशा विचलित और परेशान करके रखता है. 

मंगल 
मंगल की चाल आँखों और रक्त पर प्रभाव डालती है. मंगल का अशुभ होना आँखों, गले और खून से जुड़ी बीमारियों को शरीर में पनपाता है.

बुद्ध 
व्यक्ति का पाचन तंत्र, आवाज, वायु तंत्र (स्वांस नली) और दाँतों पर बुद्ध का आधिपत्य है. बुद्ध का नियंत्रण कन्या और मिथुन राशि पर है. कन्या राशि में बुद्ध का उच्च स्थान व्यक्ति के जीवन में शुभ परिणाम लाता है और मीन राशि में नीच स्थान नकारात्मक परिस्थितियां. 

गुरु
गुरु की नजर व्यक्ति की नाक और वायु तंत्र पर रहती है. इस ग्रह का कर्क राशि में उच्च होना पित्त और चर्म रोग से बचाता है. वहीं, मकर राशि में नीच स्थान होना स्किन प्रॉब्लम्स को बुलावा देता है. 

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शुक्र
शुक्र का प्रभाव शरीर के गुप्त अंगों पर पड़ता है. मीन राशि में उच्च स्थान होने पर ये ग्रह व्यक्ति को सुंदर, आकर्षक और तेजोमय बनाता है. इसके अलावा, व्यक्ति को वंश वृद्धि में भी प्रबल रखता है. लेकिन इस ग्रह का कन्या राशि में नीच स्थान पर होना वंश वृद्धि में सबसे बड़ा विरोधी साबित होता है.  
  
शनि
शरीर की हड्डियों और नाभि पर शनि का आधिपत्य है. इतन ही नहीं, शनि का प्रभाव  घुटनों, ऐड़ी, कफ और स्नायु तंत्र पर भी देखने को मिलता है. मेष राशि में इस ग्रह का नीच स्थान पर होना अशुभता और तुला में उच्च स्थान पर होना शुभता लता है. 

राहु
ज्योतिष शास्त्र में अशुभ ग्रह के नाम से वर्णित राहु का प्रभाव सिर के एक हिस्से, अंतड़ियों में और मुख में पड़ता है. मिथुन राशि में उच्च राहु सिर दर्द, मानसिक बीमारी, किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन से बचाता है और धनु राशि में इसका नीच स्थान पर होना शरीर के इन तीन हिस्सों पर बुरी तरह असर डालता है. 
 
केतु
केतु ग्रह गले से दिल तक के हिस्से पर असर डालता है. इस ग्रह के खराब होने पर व्यक्ति को पैरों की बीमारी बुरी तरह भुगतनी पड़ती है. धनु राशि में उच्च केतु शुभता प्रदान कर शरीर के इन हिस्सों को स्वस्थ रखता है तो मिथुन राशि में नीच स्थान पर मौजूद केतु शरीर के इन अगों को बीमारी से जकड़ाए रखता है.  

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