Planets Responsible For Unhappy Love Marriage: हर किसी के जीवन में सबसे हसीन पल वो है की जब उसकी शादी अपनी पसंद के इंसान से हो जाती है. किसी को अपना प्यार आसानी से मिल जाए इससे बड़ी खुशी की और कोई बात नहीं लेकिन जब उसी शादी में लड़ाई झगड़ा वाद विवाद होने लगे तो मन उदास हो जाता है. अगर किसी का प्रेम विवाह सफल नहीं होता है तो इसके पीछे ग्रहों का कमजोर होना भी एक वजह हो सकता है. ज्योतिष शास्त्र में चार ग्रह शुक्र, गुरु, बुध और राहु के कमजोर होने पर वैवाहिक जीवन में बाधा आने लगती है. अगर किसी जातक की कुंडली में ये ग्रह कमजोर होता है तो वैवाहिक जीवन से खुशियां ओझल होने लगती हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं क्या है लव मैरिज में ग्रहों का खेल और किन उपायों को करने से अपने शादीशुदा जीवन को सफल बनाया जा सकता है.
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ग्रहों की स्थिति बताती है प्रेम विवाह सफल होगा या नहीं
इस ग्रहों की स्थिति बताती है कि किसी व्यक्ति का प्रेम विवाह सफल होगा या नहीं. साथ ही वर्तमान में आ रही समस्याओं के बारे में भी इन ग्रहों की स्थिति से पता लगाया जा सकता है. इसके अलावा कुंडली में पंचम और और सप्तम भाव के कमजोर होने पर भी लव मैरिज के सफल न होने की प्रबल संभावनाएं होती हैं. ऐसी स्थिति से बचने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं. जिन्हें करने से आपके काफी लाभ मिलेगा.
प्रेम विवाह के लिए करें गुरू के उपाय
प्रेम विवाह में सफलता पाने के लिए आप शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले गुरुवार को विष्णु भगवान और माता लक्ष्मी की पूजा के साथ उनकी तस्वीर के सामने स्फटिक की माला से ॐ लक्ष्मी नारायण नम: मंत्र का जप करें. लाभ प्राप्ति हेतु इस उपाय को तीन माह तक करें.
गुरुवार और शुक्रवार को इस रंग के कपड़े पहनना शुभ
प्रेम विवाह में आ रही बाधाओं को कम करने के लिए हर गुरुवार को पीले रंग और शुक्रवार को सफेद रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है.
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प्रेम विवाह में आ रही बाधा के लिए अन्य उपाय
प्रेम विवाह में आ रही बाधाओं के लिए शुक्र ग्रह की शांति के उपाय करना भी लाभकारी है. इसके लिए शुक्र यंत्र की स्थापना करके उसकी पूजा करें, साथ ही शुक्र के बीज मंत्र का जप करें। शुक्र ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान करें. शुक्रवार का व्रत, मां लक्ष्मी जी की पूजा, हीरा रत्न धारण करना भी लाभकारी रहेगा.
सुबह उठकर सूर्य को चढ़ाए जल
इसके अलावा आप कुंडली में पंचम भाव और सप्तमेश को मजबूत करें. सुबह उठकर सूर्य को जल चढ़ाएं और गायत्री मंत्र का जप करें. इसके अलावा आपको अपनी कुंडली में सप्तम भाव और सप्तमेश को मजबूत करें.