Advertisment

प्रधानमंत्री मोदी ने किया सिद्धगंगा मठ का दौरा, जानिए क्यों खास है ये मठ

सिद्धगंगा मठ लिंगायत समुदाय के लोगों का मुख्य मठ माना जाता है. इसके अलावा इसे बीजेपी समर्थक भी माना जाता है

author-image
Aditi Sharma
एडिट
New Update
प्रधानमंत्री मोदी ने किया सिद्धगंगा मठ का दौरा, जानिए क्यों खास है ये मठ

सिद्धगंगा मठ( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार के दो दिवसीय कर्नाटक दौरे पर हैं. इस दौरान पीएम मोदी तुमकुर के सिद्धगंगा मठ पहुंचे है जहां वह एक जनसभा को संबोधित भी कर रहे हैं. पीएम मोदी के सिद्धगंगा मठ के दौरे से लोगों के मन में ये सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर इस मठ में ऐसा क्या खास है कि पीएम मोदी भी यहां पहुंचे है. तो आइए जानते हैं इस मठ की खासियत

क्यों खास है ये मठ?

दरअसल कर्नाटक में लिंगायत समुदाय की संख्या काफी ज्यादा है. राज्य में करीब 18 फीसदी लिंगायत समुदाय के लोग है. सिद्धगंगा मठ लिंगायत समुदाय के लोगों का मुख्य मठ माना जाता है. इसके अलावा इसे बीजेपी समर्थक भी माना जाता है. मठ की स्थापना श्री हरदानहल्ली गोशाला सिद्देश्वर स्वामीगलु ने 15 वीं शताब्दी में कर्नाटक के एक गांव में की थी.

यह भी पढ़ें: योगी के मंत्री मोहसिन रजा ने PFI के संबंध ISI से होने की आशंका जताई

श्री हरदानाहल्ली गोशाला सिद्देश्वर निरंजन जगद्गुरु के मठ प्रमुख के क्रम में 15वें स्थान पर थे. ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने हरदानहल्ली में अगले पीठाचार्य को अपना प्रमुख पद सौंप दिया और अपने धार्मिक कार्यों के लिए अपना स्वतंत्र स्थान बनाने के लिए अपने 101 अनुयायियों के साथ शिवगंगा गए. फिर वह शिवगंगा से केतु समुद्र (अब कथासंध्र) के पास एक पहाड़ी पर चले गए. उन्होंने अध्ययन और ध्यान के लिए अपने अनुयायियों के लिए 101 गुफाएं बनाईं और सिद्धगंगा में मठ की स्थापना भी की.

यह भी पढ़ें: 'UP में राजनीतिक नौटंकी करने के बजाए राजस्थान में मारे गए 100 बच्चों के घर जाएं प्रियंका वाड्रा'

ऐसा कहा जाता है कि अपने एक वृद्ध शिष्य श्री गोशाला सिद्देश्वर के प्यास को बुझाने के लिए उन्होंने चट्टान पर प्रहार किया और उस चट्टान से पानी की एक धारा निकली. पवित्र जल को 'सिद्धगंगा' के रूप में नामित किया गया था और इस प्रकार इस स्थान को नाम दिया गया था. स्थानीय लोगों का मानना ​​है कि इस पवित्र जल में मानसिक और शारीरिक बीमारियों को ठीक करने की शक्ति है और सभी समुदायों द्वारा इसका उपयोग करने की अनुमति है. पंद्रहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध तक श्रीगोलासिद्धेश्वर के शिष्य श्री शंकराचार्य स्वामीजी ने अपना काम जारी रखा

बताया जाता है कि ये मठ जरूरतमंदों और गरीबों की सेवा करता है जहां किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता. 

PM modi Prime minister Naredra Modi siddhganga math
Advertisment
Advertisment
Advertisment