PM Modi worshiped at Dashashwamedh Ghat: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर गंगा मईया की पूजा की. आज गंगा सप्तमी भी है. दशाश्वमेध घाट वाराणसी के सबसे पुराने घाटों में से एक है.यह घाट हिंदू धर्म में मोक्ष प्राप्त करने के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है. दशाश्वमेध घाट यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है. ये घाट वाराणसी में गंगा नदी के किनारे स्थित एक प्रसिद्ध घाट है जो अपने धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है. इस घाट का नाम दस अश्वमेध यज्ञों के नाम पर रखा गया है, जो माना जाता है कि यहाँ भगवान ब्रह्मा ने किए थे. यह घाट हिंदू धर्म में सबसे पवित्र स्थानों में से एक है और प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु यहां गंगा नदी में स्नान करने और भगवान शिव की पूजा करने आते हैं. दशाश्वमेध घाट पर शाम को होने वाली गंगा आरती विशेष रूप से प्रसिद्ध है. यह आरती दीपों और मंत्रों के साथ की जाती है और यह एक अद्भुत दृश्य होता है.
दशाश्वमेध घाट के आसपास कई मंदिर और धार्मिक स्थल भी हैं. यहां महाकालेश्वर मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है. दंडपाणि मंदिर है जिसमें भगवान हनुमान की पूजा की जाती है. पास में ही नारायणेश्वर मंदिर भी है जो भगवान विष्णु को समर्पित है. दशाश्वमेध घाट एक अद्भुत स्थान है जहाँ आप आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं और भारतीय संस्कृति की झलक देख सकते हैं.
गंगा सप्तमी के दिन पीएम मोदी ने की पूजा
आज गंगा सपत्मी के दिन पीएम मोदी ने वाराणसी (PM Modi in Varanasi) से दशाश्वमेध घाट पर पूरे विधि-विधान के साथ गंगा मईया की पूजा की. गंगा सप्तमी, जिसे गंगोत्री महोत्सव और जल महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण त्योहार है. यह माघ मास की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन, गंगा नदी के अवतरण का उत्सव मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन मां गंगा धरती पर प्रकट हुई थीं. इसलिए, इस दिन गंगा मईया की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है.
गंगा नदी को मोक्षदायिनी माना जाता है. इसलिए, गंगा सप्तमी के दिन गंगा मईया की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है. गंगा मईया की पूजा करने से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है. गंगा जल में अनेक औषधीय गुण होते हैं. इसलिए, गंगा स्नान करने से कई बीमारियां दूर होती हैं और स्वास्थ्य लाभ होता है. गंगा सप्तमी के दिन गंगा मईया की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
दशाश्वमेध घाट से जुड़े रोचक तथ्य
हिंदू धर्म में, दशाश्वमेध घाट को मोक्ष प्राप्त करने का द्वार माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस घाट में गंगा नदी में स्नान करते हैं, वे अपने पापों से मुक्त हो जाते हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त करते हैं. दशाश्वमेध घाट का उल्लेख हिंदू महाकाव्यों जैसे रामायण और महाभारत में भी मिलता है. दशाश्वमेध घाट न केवल हिंदुओं के लिए, बल्कि जैनियों और बौद्धों के लिए भी धार्मिक महत्व रखता है. यहां आप साधुओं, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और स्थानीय लोगों को देखेंगे. यह घाट कई फिल्मों और टेलीविजन शो में दिखाई दिया है. दशाश्वमेध घाट एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और दुनिया भर से लोग यहां आते हैं.
अगर आप वाराणसी की यात्रा कर रहे हैं, तो दशाश्वमेध घाट अवश्य जाएं. यह एक ऐसा अनुभव है जिसे आप कभी नहीं भूलेंगे. आरती के दौरान, घाट के पंडित घंटियां बजाते हैं और दीप जलाते हैं, और गंगा नदी में दीप प्रवाहित किए जाते हैं. ये नज़ारा देखने के बाद घर आने के बाद आपका वापस वहीं जाने का मन करेगा. यह माना जाता है कि गंगा नदी में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष प्राप्त होता है. शाम की आरती एक अविस्मरणीय अनुभव है. आप गंगा नदी में नाव की सवारी कर सकते हैं और घाटों और आसपास के दृश्यों का आनंद ले सकते हैं. घाट शांत और शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करता है, जो ध्यान के लिए आदर्श है. घाट के आसपास कई दुकानें हैं जहां आप स्मृति चिन्ह, पूजा सामग्री और अन्य सामान खरीद सकते हैं.
सुबह या शाम के समय घाट पर जाना सबसे अच्छा होता है, जब मौसम सुहावना होता है. आरामदायक कपड़े पहनें और स्नान के लिए तैयारी रखें. अपने साथ सनस्क्रीन, टोपी और पानी लाना न भूलें. आप पैदल, रिक्शा या नाव से घाट तक पहुंच सकते हैं. दशाश्वमेध घाट वाराणसी की यात्रा का एक अनिवार्य हिस्सा है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau