Poem On Lord Rama: राम, हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता और भगवानों में से एक हैं. राम अयोध्या के पुरुषोत्तम राजा थे और उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है, जिन्होंने धर्म का पालन करते हुए अपने जीवन को गुणवत्ता से भरा. रामचरितमानस, भगवान राम की कहानी को रचना करने वाले संत तुलसीदास द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें उनकी जीवनी और कथाएं हैं. राम का जीवन पूरी दुनिया में उदाहरणीय माना जाता है और उन्हें एक महानतम पुरुष, मर्यादा पुरुषोत्तम, धर्मपुरुष, और भक्ति के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है. राम भगवान विष्णु के एक अवतार माने जाते हैं और उनके चार भाग्यशाली भ्राता भी हैं - लक्ष्मण, भरत, और शत्रुघ्न। उनकी पत्नी सीता भी अवतार रूपी अद्वितीय शक्ति के रूप में पूजी जाती है. रामायण में राम की कहानी, उनके अद्वुत गुण, धर्मपरायणता, और भक्ति की मिसाल प्रस्तुत करती है, जिससे हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं में नेतृत्व का सीख मिलता है. राम भक्ति में लीन होकर भक्तों की सभी कठिनाओं को दूर करने के लिए जाने जाते हैं और उनका नाम हमें धार्मिकता, श्रद्धा, और सद्गुणों की प्रेरणा प्रदान करता है. विश्व में राम के भक्तों की कमी नहीं है. जब से अयोध्या के भव्य मंदिर में श्रीराम विराजमान हुए हैं तब से ना सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी राम नाम की धूम मची हुई है. सभी भक्त अपनी क्षमतानुसार भगवान राम का नाम लेते हुए उनके लिए कुछ ना कुछ खास कर रहे हैं. ऐसे ही एक राम भक्त आयुष ने अपने प्रिय अराध्य राम जी ने लिए एक कविता लिखी है.
ख़ुशी से सीना फूला नहीं समां रहा है।।
लोग अयोध्या की बातें कर रहे है।
मेरे राम से आने से तो सारा जगत जगमगा रहा है।।
मैं ज़्यादा नहीं बोलूंगा , कही तुम्हे मेरी ही नज़र न लग जाए।
मैं प्रभु तुम्हे बहुत नहीं देखूंगा , कही इस चक्कर में सारी उम्र ही न गुज़र जाए।।
अरे अभी सेवा भी करनी है तुम्हारी , तुम्हारे धाम भी तो आना है।
राम से रमे हुए मंदिर में आपको पुष्प भी तो चढ़ाना है।।
और सुनो , अब आए हो तो आराम भी करना।
कहीं वनवास के बाद ये नहीं की फिर उठ कर चले जाएं।।
अभी तो राम पधारें है मेरे , भला इतनी जल्दी दिवाली कैसे खत्म हो जाए।
और प्रभु एक वचन है आपसे , अब आप पर आंच नहीं आने देंगे
कोई मेरे राम के तरफ नज़र उठा कर देखे , हनुमान बन के सारी लंका जला देंगे
आप सुन्दर हो , कोमल हो , अतुल्य हो। आप सुन्दर हो , कोमल हो , अतुल्य हो।
फिर भला इतने दिन बाहर क्यों गुज़रें ?
काल तो आपकी दासी है न ? फिर क्यों नहीं उससे बोल
इन् राक्षसों को जड़ से उखाड़ें ??
खैर , बातें बहुत है आपसे , पर अभी आपके पास समय ही कहा है ?
लाखों की भीड़ में ये भक्त भी ढूंढ रहा है, मेरी प्रभु की आंखें कहा है ?
सुना है , कमल जैसी आंखें है आपकी , वह तो दर्शन के बाद पता चलेगा।
बस इतना बता देना की क्या प्रसाद में आपका आशीर्वाद भी मिलेगा ?
उफ़ , इतना सब कुछ पूछ लिया है आपसे की सारा दरबार भी सोच रहा है।
मिलने ये तो कभी आता नहीं है और प्रभु की भक्ति खोज रहा है।।
बस यह आंसू ही गवाह है , आपका यह दास आपके लिए कितना छटपटा रहा है।
लोग मुझसे अयोध्या की बातें कर रहे है , मेरे राम के आने से तो सारा जहाँ मुस्कुरा रहा हैं।।
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau